Sri Yantra Puja Rules: श्री यंत्र की पूजा के करते समय इन बातो का रखें ध्यान, तभी मिलेगा पूरा लाभ

Sri Yantra Puja Rules: धर्मशास्त्र में श्री यंत्र को बेहद पवित्र माना गया है। इसकी पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और व्यक्ति के जीवन में कभी कठिनाई नहीं होती।श्री यंत्र की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है वरना माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाएगी।

Sri Yantra Puja Rules : सनातन धर्म में भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी बहुत ही पूज्य मानी जातहजिस घर में इनका वास होता है, उस घर में सुख-शांति का कभी अभाव नहीं होता और आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत रहती है। लेकिन मां लक्ष्मी अगर किसी भी व्यक्ति से रुष्ट हो जाती हैं तो उसके घर में हमेशा आर्थिक तंगी और लड़ाई-झगड़े का माहौल रहता है। ज्योतिष के अनुसार घर में आर्थिक तंगी के सुधार हेतु देवी लक्ष्मी का विधि पूर्वक पूजन करना अत्यंत आवश्यक होता है।

ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी देवी लक्ष्मी की पूजा सच्चे मन के साथ करता है उसके जीवन में कभी आर्थिक समस्याएं नहीं उत्पन्न होती हैं। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष एवं वास्तु के अनुसार घर में श्री लक्ष्मी यंत्र स्थापित करना बहुत ही लाभदायक हो सकता है। तो आइए आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से जानते हैं घर में श्री लक्ष्मी यंत्र लगाने के फायदे और इसकी स्थापना एवं पूजा विधि:

घर में श्री लक्ष्मी यंत्र लगाने के फायदे ( Shri Lakshmi Yantra Benefits )

मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है, घर में मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना करना और उसकी प्रतिदिन आराधना करना। घर में श्री लक्ष्मी यंत्र स्थापित करने से परिवार में कभी आर्थिक समस्या नहीं उत्पन्न होती। जिस भी स्थान पर श्री लक्ष्मी यंत्र विराजमान होता है वहां सकारात्मक ऊर्जा का हमेशा संचार होता रहता है। श्री लक्ष्मी यंत्र लगाने से अष्टलक्ष्मी का घर आंगन में आगमन हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए स्फटिक का श्री यंत्र बहुत ही लाभदायक होता है। घर में श्री लक्ष्मी यंत्र आने से जीवन सुखी हो जाता है, बिजनेस में सफलता मिलती है, पारिवारिक सुख समृद्धि प्राप्त होती है।

श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना और पूजा विधि ( Sri Yantra Puja Rules )

अगर आप भी घर में श्री लक्ष्मी यंत्र स्थापित करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको किसी ज्योतिष से पूछकर अथवा पंचांग में देखकर शुभ मुहूर्त कि तलाश करनी होगी। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का होना अति आवश्यक माना जाता है। कोई भी कार्य यदि शुभ मुहूर्त में हो तो उसमें अवश्य ही सफलता हासिल होती है। शुभ मुहूर्त के चुनाव के बाद वास्तु के अनुसार सही दिशा का चुनाव करना भी आवश्यक है। लक्ष्मी यंत्र की स्थापना के दौरान पूरे घर के साथ-साथ पूरे तन-मन की शुद्धि अति आवश्यक है, क्योंकि किसी प्रकार की गंदगी देखकर मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना से पहले उसका पंचामृत तथा गंगाजल से अभिषेक करना आवश्यक है। अभिषेक के बाद लाल वस्त्र बिछाकर श्री लक्ष्मी यंत्र को ईशान कोण की दिशा में स्थापित कर दें। स्थापित करते वक्त अपने मन को शांत रखें और ॐ श्रीं हीं श्रीं नम: या ॐ श्रीं हीं श्रीं का जाप करें। इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि श्री लक्ष्मी यंत्र स्थापित करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में ही हो। श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना अगर विधि विधान से हो और व्यक्ति तन मन से इसकी आराधना करें तो लाभ अवश्य ही नज़र आएंगे क्योंकि देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करतीं।

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अस्वीकरणइस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। Vidhannews यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं।

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