
Stambheshwar Mahadev Temple: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है और यहां पर कई चमत्कारी मंदिर है। सावन का महीना चल रहा है और शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।देश में भगवान शिव के कई अनोखे मंदिर है और सभी मंदिरों की अपनी अपनी मान्यताएं हैं। आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे जो समुद्र के गोद में बसा हुआ है। आपको बता दे कि यह मंदिर दिन में दो बार सुबह और शाम को पल भर के लिए गायब हो जाता है और अगर आपको यह चमत्कार देखना है तो सुबह से शाम तक आपको यही रुकना होगा। आपको बता दे यह मंदिर 150 साल पुराना है और यह गुजरात के बड़ोदरा में स्थित है। भक्त यहां दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं।
स्तंभेश्वर मंदिर के पीछे की कहानी (Stambheshwar Mahadev Temple)
शिव पुराण में इस मंदिर से जुड़ी कथा बताई गई है। शिव पुराण की कथा के अनुसार रक्षा तड़कासुर ने एक कठोर शिव भक्ति किया और एक बार प्राप्त किया कि उसकी मृत्यु तभी संभव है जो अब शिव पुत्र उसकी हत्या करें। वरदान प्राप्त करने के बाद तड़कासुर ने लगातार हाहाकार मचाना शुरू किया और धरती पर उसका आतंक शुरू हो गया जिसके बाद इस आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कार्तिकेय का जन्म हुआ।
कार्तिकेय ने बनवाया था मंदिर
जब कार्तिकेय को पता चला की ये असुर भगवान शिव का भक्त था तो उनका मन बहुत व्यथित हुआ। तब भगवान विष्णु के सुझाव से उन्होंने उस वध स्थल पर शिवालय बनवा दिया। सारे देवताओं ने मिलकर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की जिसे स्तंभेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाने लगा।
यहां कैसे पहुंचे
स्तंभेश्वर महादेव गुजरात के वढ़ोदरा से 40 किलोमीटर दूर जंबूसर तहसील में स्थित है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के वढ़ोदरा से करीब 40 किलोमीटर दूर जंबूसर तहसील में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां सड़क, रेल और हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक जाने के लिए बस सेवा व अन्य साधन भी उपलब्ध हैं।
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