Tulsi Leaves Rules: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी का वास होता है। लेकिन कुछ खास दिनों पर तुलसी के पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं वे दिन जब तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही होती है।
इस दिन नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी के पत्ते (Tulsi Leaves Rules)
1. रविवार और एकादशी के दिन न तोड़ें तुलसी के पत्ते
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु विश्राम पर रहते हैं और तुलसी जी को भगवान विष्णु की पत्नी माना गया है। इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से भगवान विष्णु अप्रसन्न हो सकते हैं।
2. संध्या काल में भी तुलसी तोड़ना होता है निषिद्ध
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पत्ते सुबह सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले तोड़ने चाहिए। संध्या के समय तुलसी माता विश्राम करती हैं, इसलिए इस समय पत्ते तोड़ना पाप के समान माना गया है।
3. द्वादशी तिथि पर भी न तोड़ें तुलसी के पत्ते
द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु का दिन माना गया है। इस दिन तुलसी माता का पूजन किया जाता है, इसलिए इस दिन पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है।
4. पूर्णिमा और अमावस्या के दिन तुलसी तोड़ना भी वर्जित
पूर्णिमा और अमावस्या को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। मान्यता है कि इन दिनों तुलसी माता पृथ्वी पर नहीं रहतीं, बल्कि भगवान विष्णु के साथ साक्षात्कार में रहती हैं।
धार्मिक मान्यता
तुलसी को तोड़ते समय भी कुछ नियमों का पालन जरूरी है। जैसे, पत्ते तोड़ने से पहले “तुलस्यै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए और टूटे हुए पत्ते को कभी फेंकना नहीं चाहिए। इन्हें पूजन में ही प्रयोग करें या जल में प्रवाहित करें।
तुलसी के पौधे का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी है। यह वातावरण को शुद्ध करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है। इसलिए तुलसी का आदर करें और उन दिनों पर विशेष ध्यान दें जब इसके पत्ते तोड़ना वर्जित है।
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