Tulsi Patta: तुलसी पत्ता कब तोड़ना चाहिए, जानिए ब्रह्म मुहूर्त में पत्ता तोड़ने के नियम

Tulsi Patta: सनातन धर्म में तुलसी की विशेष पूजा की जाती है। तुलसी का धार्मिक के साथ-साथ आयुर्वेदिक महत्व भी है। तुलसी का प्रयोग कई औषधियों में किया जाता है...

Tulsi Patta: सनातन धर्म में तुलसी की विशेष पूजा की जाती है। तुलसी का धार्मिक के साथ-साथ आयुर्वेदिक महत्व भी है। तुलसी का प्रयोग कई औषधियों में किया जाता है। तुलसी के पत्ते तोड़ने के संबंध में विशेष जानकारी दी गई है। तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है, इसी कारण से इसे तोड़ने के नियम भी बताए गए हैं। हिंदू धर्म में कहा जाता है कि तुलसी को रात में नहीं बल्कि दिन में तोड़ा जाता है।

Tulsi Patta: आइए जानते हैं कि तुलसी तोड़ने के क्या नियम हैं?

तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम

ब्रह्ममुहूर्त में तुलसी के पत्ते तोड़ना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके कुछ नियम भी हैं। तुलसी तोड़ने से पहले मंत्र का जाप करना चाहिए। उसके बाद ही तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो यह आपकी किसी इच्छा को पूरा करने में मददगार हो सकता है।

ब्रह्म मुहूर्त में तुलसी पत्ता तोड़ने के लिए नियम

अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में तुलसी के पत्ते तोड़ रहे हैं तो सबसे पहले स्नान कर लें। इसके बाद अपने इष्ट देवता की पूजा करें। इसके बाद तुलसी के पेड़ की पूजा करें और पहली बार केवल 21 पत्ते ही तोड़ें। ऐसा करने से आपको अपने जीवन में खुशियों की सौगात मिल सकती है।

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तुलसी को जल चढ़ाने के क्या फायदे हैं?

तुलसी को जल चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। पत्तों पर सिन्दूर लगाना चाहिए। कहते हैं कि इससे आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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