
Tulsi Upay In Malmas: मलमास को अधिकमास और पुर्षोत्तम मास भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में मलमास विशेष धार्मिक महत्व रखता है। शादी-विवाह और मुंडन जैसे धार्मिक कार्य इन दिनों में नहीं किए जाते हैं। मलमासम में विशेषकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। बता दें कि मलमास 18 जुलाई से शुरू हो रहे हैं और आने वाली 16 अगस्त तक रहने वाले हैं। मलमास में तुलसी की पूजा का खास महत्व होता है। मान्यता के अनुसार तुलसी को श्रीहरि की प्रिय माना जाता है यहां जानिए मलमास में किन बातों को ध्यान में रखा जाता है और तुलसी से जुड़े उपाय व सावधानियां कौन-कौनसी हैं
Malmas Tulsi Upay: मलमास में तुलसी उपाय
मलमास में सुबह-सेवेर स्वच्छ कपड़े पहन कर, भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पूजा में तांबे के लोटे में पानी भरकर रखा जाता है।
पूजा के बाद इस लोटे के पानी को ही तुलसी के पौधे में चढ़ाया जाता है।
तुलसी पर चंदन या कुमकुम से टीका लगाते हैं और साथ ही चुन्नी भी चढ़ाई जाती है।
पूजा का प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है।
भगवान विष्णु की पूजा में भोग बनाते हुए भी तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है।
तुलसी के पत्तों को प्रसाद में डाल सकते हैं। इससे भोग का स्वाद भी बेहतर होता है।
तुलसी की पूजा करते हुए महिलाओं को बाल बांधकर रखने की सलाह दी जाती है। पूजा करते हुए बाल खुले रखना अच्छा नहीं माना जाता है।
तुलसी माता की पूजा करते हुए तुलसी की परिक्रमा करना भी शुभ होता है। परिक्रमा करने से माना जाता है कि तुलसी माता प्रसन्न होती हैं।
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