
Vastu Shastra: घर में सुख-समृद्धि और समृद्धि हर कोई चाहता है। लेकिन कभी-कभी विभिन्न कारणों से यह संभव नहीं हो पाता है। वास्तुदोष भी इसका एक बड़ा कारण है। अगर घर में वास्तु दोष है तो वहां नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है, जिससे घर में आर्थिक तंगी, बीमारियां और अशांति रहती है। इसलिए समय रहते वास्तु दोष दूर कर लेना चाहिए। लेकिन इस मामले में एक समस्या यह है कि लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनमें वास्तु दोष है।
Vastu Shastra: आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार किस दिशा में क्या होना चाहिए।
उत्तर और पूर्व दिशा:
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर और पूर्व दिशा खुली होनी चाहिए। साथ ही इस दिशा का हवादार, चमकीला और सुगंधित होना भी अच्छा होता है। यदि इस दिशा में गंदगी, अंधेरा, दुर्गंध और भारी सामान हो तो घर में कभी खुशहाली नहीं आती। बल्कि वहां दरिद्रता, बाधाएं और अशांति रहती है।
उत्तर-पश्चिम दिशा:
ड्राइंग रूम बनाने के लिए घर की उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यदि यह संभव नहीं है तो यहां पार्किंग बनाना बेहतर है।
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किचन:
घर में किचन का सही दिशा में होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इसी पके हुए भोजन से ही व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है और उसका जीवन चलता है। किचन की बनावट का सीधा असर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य आदि पर पड़ता है। वास्तु के अनुसार रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानि आग्नेय कोण में होना चाहिए।
घर का केंद्र:
घर का केंद्र या केंद्रीय स्थान हमेशा खुला रहना चाहिए। इसे ब्रह्म स्थान कहा जाता है। इस स्थान पर कभी भी भारी फर्नीचर जैसे डाइनिंग टेबल, सोफा, बेड आदि न रखें।
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