Hariyali Amavasya 2023: सावन का महीना 4 जुलाई से आरंभ हो चुका है और यह 31 जुलाई को खत्म होगा। ये महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। इसी महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या अथवा श्रावण अमावस्या कहा जाता है। सावन में होने के कारण इस श्रावण मास की अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूर्वजों के पिंड दान और दान पुण्य से संबंधित कार्य किए जाते हैं। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं हरियाली अमावस्या की सही तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।
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हरियाली अमावस्या की सही तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या की शुरुआत 16 जुलाई रात 10 बजकर 08 मिनट से हो रही है और इसका समापन 18 जुलाई दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में 17 जुलाई को उदया तिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।
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पेड़-पौधों की भी होती है विशेष रूप से पूजा
सावन मास के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले ही दिन हरियाली अमावस्या होती है बरसात का मौसम होने की वजह से इस समय धरती पर चारों और हरियाली छाई रहती है। हरियाली अमावस्या के दिन नए पौधे लगाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन वृक्षारोपण करने से जीवन में कई कष्टों का नाश हो जाता है। इसीलिए हरियाली अमावस्या का ये पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी उजागर करता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पीपल और तुलसी की पूजा करने से जीवन में कई दुखों का नाश हो जाता है।
(यह ख़बर विधान न्यूज़ के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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