Maa Laxmi Swaroop: हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी साहस, उत्साह, समृद्धि और खुशहाली प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। माता लक्ष्मी को धन, वैभव, संपत्ति, यश और कीर्ति की देवी माना जाता है जो अपने अनेक रूपों में भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। पुराणों में अष्टलक्ष्मी के नाम से मां लक्ष्मी के 8 स्वरूपों का वर्णन मिलता है। तो आइए जानते हैं देवी लक्ष्मी के 800 रूपों के बारे में जिनके पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

महालक्ष्मी
इन्हें आदिलक्ष्मी भी कहा जाता है। भागवत पुराण के अनुसार महालक्ष्मी ने ही सृष्टि की रचना की और उन्हीं से त्रिदेव, महाकाली, लक्ष्मी और महासरस्वती प्रकट हुई। दुनिया के पालन और संचालन के लिए उन्होंने भगवान विष्णु के साथ विवाह किया। महालक्ष्मी की आराधना करने से मनुष्य को जीवन में सभी प्रकार के सुख मिल जाते हैं।
धार्या लक्ष्मी
मां लक्ष्मी के इस स्वरूप को वीर लक्ष्मी भी कहा जाता है। वीर लक्ष्मी महिषासुर का वध करने वाली मां कात्यायनी का स्वरूप मानी जाती है। यह भौतिक और आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करने में आने वाली रुकावटों को दूर करती है तथा अकाल मृत्यु से भी रक्षा करती हैं।
संतान लक्ष्मी
देवी संतान लक्ष्मी को स्कंदमाता के नाम से भी जाना जाता है। इनके स्वरूप में चार हाथ है और गोद में कुमार स्कंद बालक के रूप में विराजमान है। मान्यता के अनुसार संतान लक्ष्मी की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति और रक्षा होती है।
विद्या लक्ष्मी
विद्या लक्ष्मी विज्ञान, कला और कौशल की देवी मानी जाती है। इनका स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी जैसा है। विद्या लक्ष्मी की आराधना करने से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
धान्य लक्ष्मी
धान्य लक्ष्मी माता अन्नपूर्णा का रूप मानी जाती है, जो पूरे संसार में अन्न के रूप में वास करती हैं। धान्य लक्ष्मी की आराधना करने से कभी भी घर में अनाज या फिर खाने की कमी नहीं होती।
गज लक्ष्मी
कृषि और उर्वरता की देवी मानी जाने वाली मां गज लक्ष्मी हाथी के ऊपर कमल के पुष्प पर विराजमान रहती हैं। देवी गज लक्ष्मी की आराधना करने से जातक को संतान प्राप्ति और समृद्धि का लाभ होता है।
विजय लक्ष्मी
देवी विजयलक्ष्मी यश, कीर्ति तथा सम्मान प्रदान करने वाली देवी मानी जाती है। इनकी उपासना करने से साधक को जीवन में हर क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है तथा अपने कार्यों को करने में व्यक्ति निडर रहता है।
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धन लक्ष्मी
देवी लक्ष्मी ने यह रूप भगवान वेंकटेश जो कि भगवान विष्णु का ही स्वरूप माने जाते हैं उन्हें कुबेर के कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए लिया था। धन लक्ष्मी के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है तथा जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
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(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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