Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन का पर्व प्रत्येक वर्ष शावर मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल भद्रा का साया होने की वजह से यह त्यौहार 30 और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा। वहीं 31 अगस्त की सुबह-सुबह रक्षा सूत्र बांधना सबसे उचित समय रहेगा। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधते हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। साथ ही भाई इस पर अपनी बहनों को गिफ्ट देते हैं और उनकी सुरक्षा करने का संकल्प लेते हैं। पहले मजबूत रेशमी धागे की राखियां बाजार ने मिलती थी, लेकिन अब विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी और अलग-अलग डिजाइन वाला राखियां मिलने लगी हैं। कुछ राखियां देखने में तो बहुत ही सुंदर लगती है, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इन्हें भाई की कलाई पर बांधना शुभ नहीं होता है। ऐसे में आइए जानते हैं राखी खरीदते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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कार्टून वाली राखी
आजकल बाजार में अलग-अलग तरह की कार्टून वाली राखियां बिकती हैं, जो बहने अपने छोटे भाइयों के लिए अक्सर खरीद लाती हैं। लेकिन ऐसी राखियों पर कुछ अशुभ चिन्ह बने होते हैं। यह राखियां भाई के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसलिए ऐसी राखी खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उस पर किसी तरह का अशुभ चिन्ह न बने हों।
काले रंग की राखी
हिंदू धर्म में काला रंग शुभ नहीं माना जाता है। इसे नकारात्मकता का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए अगर किसी राखी में काला धागा या काले रंग का इस्तेमाल किया गया हो, तो उसे भूल कर भी न खरीदें।
भगवान की तस्वीर वाली राखी
बहुत सी बहने भगवान की तस्वीर वाली राखी को बांधना शुभ समझते हैं। लेकिन राखियां भाई की कलाई पर लंबे समय तक रहती है, जिसकी वजह से अगर उस पर भगवान की तस्वीर अपवित्र हो जाती है। कभी-कभी तो राखी टूट कर इधर-उधर गिर भी जाते हैं। ऐसे में भगवान का अपमान होता है, इसलिए कभी भी भगवान की तस्वीर वाली राखियां कलाई पर न बांधे।
खंडित राखी
कई बार ऐसा होता है कि जल्दबाजी के चक्कर में बहनें बाजार से खंडित राखी, यानी ऐसी राखी जो कहीं से कटी या टूटी हो खरीद लाती हैं और उसे भाई की कलाई पर बांध देती हैं। लेकिन खंडित राखी कलाई पर बांधना कभी भी शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में अगर आपके पास ऐसी राखी आ भी जाए, तो उसकी जगह किसी दूसरी राखी या फिर लाल रक्षा धागा भी बांध सकती हैं।
डिस्क्लेमर: इस ख़बर में निहित किसी भी जानकारी, सूचना अथवा गणना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं के आधार पर संग्रहित कर तैयार की गई है।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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