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Chhath Puja: कद्दू भात से ही क्यों होती है छठ पूजा की शुरुआत, जानें इसे खाने का महत्व

Chhath Puja: सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है। छठ पूजा पूरे भारत में स्वयं और परिवार के अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के...

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Chhath Puja: सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है। छठ पूजा पूरे भारत में स्वयं और परिवार के अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मनाई जाती है। कद्दू भात के मौके पर पूरे घर की साफ-सफाई के साथ-साथ तामसिक भोजन माने जाने वाले लहसुन और प्याज खाने की भी मनाही होती है।

परिवार को बीमारियों और समस्याओं से बचाने और उन्हें लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सूर्य की पूजा की जाती है। छठ पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। 17 नवंबर से कद्दू-भात के साथ छठ पूजा की शुरूआत हो गई है। 18 नवंबर को खरना और 19 नवंबर को संध्या अर्घ्य है। छठ पूजा 20 नवंबर को सुबह के अर्घ्य के साथ समाप्त होगी।

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खाये जाते हैं लौकी के कई व्यंजन 

छठ पूजा के नहाय खाय के दिन कद्दू भात के मौके पर व्रतधारी लौकी की सब्जी और चावल को ग्रहण करते हैं। इस मौके पर लौकी की सब्जी के अलावा लौकी का रायता, लौकी के छिलके की चटनी, लौकी में काले चने या चने की दाल के साथ इष्टु मिलाकर लौकी के पकौड़े भी खाए जाते हैं। बिहार और बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में लौकी को कद्दू कहा जाता है। इसलिए इस खास दिन को कद्दू भात कहा जाता है।

क्यों खाई जाती है लौकी

कद्दू-भात के दूसरे यानी 18 नवंबर के दिन से व्रती का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। दूसरे दिन शाम में सूरज के ढलने के बाद पूजा की जाती है। इसके बाद व्रती प्रसाद के रुप में रोटी और चावल और गुड़ से बनी खीर ग्रहण करती हैं। लौकी सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक होता है। इसमें पानी लगभग 92% पाया जाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। ये मिनरल शरीर को हाइड्रेटेड रखने में आपकी मदद करते हैं।

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लौकी का जूस

एक छोटा गिलास लौकी का जूस पिया जाए तो यह शरीर को हाइड्रेट रखने में आपकी मदद कर सकता है। गर्मी के दिनों में शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में लौकी का जूस सहायता करता है। लौकी कार्डियो-टॉनिक और डाययूरेटिक है। यह आपके वात और पित्त को भी संतुलित करता है। इसलिए इसका उपयोग दर्द, अल्सर, बुखार और श्वसन संबंधी विकारों के इलाज के लिए भी किया जाता है।

रख सकते है ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल 

यह दिल को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है। लौकी और लौकी के जूस से मधुमेह यानी शुगर के रोगियों को राहत मिलता है। यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए, अगर व्रत करने वाला व्यक्ति अपने भोजन में लौकी को शामिल करता है, तो यह उन्हें दूसरे दिन भी हाइड्रेट रहने में सहायता करता है।

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है। यहां केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)

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