Astrology Tips: हिंदू धर्म शास्त्रों में कई ऐसी बातें बताई गई है जो की वैवाहिक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई ऐसी प्रथाएं हैं जिनका पालन करना काफी जरूरी है तभी सुखी पूर्वक वैवाहिक जीवन बिताया जा सकता है। ज्यादातर हिंदू शादियां रात में ही होती।
हिंदू धर्म में शादियों को एक त्यौहार की तरह एंजॉय किया जाता है और पूरे विधि विधान से शादी संपन्न कराई जाती है। सभी लोग सदियों का भरपूर मजा उठाते हैं लेकिन लोगों के दिमाग में यह सवाल जरूर आता है कि सभी शुभकामनाएं दिन के उजाले में होते हैं तो आखिर रात में शादियां क्यों होती है? आज हम आपको इस सवाल का जवाब बताएंगे।
जानिए क्या है हिंदू शादी की प्रथा(Astrology Tips)
हिंदुओं में शादी को एक ऐसी प्रथा माना जाता है जिसका निर्धारण ईश्वर के द्वारा ही तय किया जाता है और यही वजह है कि कहा जाता है जोड़ियां ईश्वर बनाता है। यही वजह है की शादी के समय कुंडली मिलन होता है। कहां जाता है कुंडली मिलान होने से रिश्ता मजबूती से चलता है और 7 जन्मों तक जुड़ा रहता है।
हिंदू धर्म में रात में क्यों होती है शादियां
हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसी मान्यता है कि सभी विवाह दिन के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में संपन्न कराई जाए। हिंदू धर्म में सात फेरों का काफी महत्व है और फेरे ध्रुव तारे को साक्षी मानकर लिया जाता है ताकि हर जन्म के लिए यह रिश्ता बंध जाए।
सात फेरों का ध्रुव तारा से है कनेक्शन
ध्रुव तारा रात के समय निकलता है और ध्रुव तारे को साक्षी मानकर साथ फेरा लिया जाता है यही वजह है कि हिंदू धर्म में रात में ही शादी करने की सलाह दी जाती है। हिंदू धर्म में सूर्य और चंद्रमा को प्रधान देव कहा गया है और यही वजह है कि हिंदू धर्म में ज्यादातर संस्कार सूर्य और चंद्रमा को साक्षी मानकर किया जाता है।
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