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Why Hindu weddings happen at night: हिंदू धर्म में रात में क्यों होती है शादियां? कब से शुरू हुई ये परंपरा, जानें

Why Hindu weddings happen at night: हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, प्रथम विवाह स्वयं भगवान शिव और देवी पार्वती का माना जाता है, जो रात के समय हिमालय पर्वत पर हुआ था।कथा के अनुसार, देवताओं और ऋषियों की उपस्थिति में जब विवाह मंत्रों की ध्वनि गूंजी, तब रात्रि का पवित्र वातावरण देवी-देवताओं के लिए भी “शुभ काल” माना गया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि रात्रि का समय शुभ विवाह के लिए श्रेष्ठ होता है।

Why Hindu weddings happen at night
Why Hindu weddings happen at night

Why Hindu weddings happen at night: क्या आपने कभी सोचा है कि हिंदू धर्म में ज़्यादातर शादियाँ रात में ही क्यों होती हैं? जबकि कई अन्य धर्मों में दिन के उजाले में विवाह का चलन है। दरअसल, इसके पीछे सिर्फ़ परंपरा नहीं बल्कि खगोलशास्त्र, संस्कृति और पौराणिक इतिहास से जुड़ा गहरा संबंध है।

रात का शुभ मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्रों का विज्ञान (Why Hindu weddings happen at night)

प्राचीन काल में हिंदू विवाह सिर्फ़ सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि धार्मिक संस्कार माना जाता था। विवाह का समय तय करने के लिए पंडित या ज्योतिषी ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति देखते थे। ऐसा माना जाता है कि रात के समय कुछ ग्रहों की स्थिति (जैसे शुक्र, चंद्र और बृहस्पति) अधिक शुभ फलदायी होती है। इसलिए विवाह संस्कार प्रायः सूर्यास्त के बाद, यानी “गोधूलि बेला” या रात्रि में संपन्न कराए जाते हैं।

पौराणिक कथा से जुड़ा है संबंध

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, प्रथम विवाह स्वयं भगवान शिव और देवी पार्वती का माना जाता है, जो रात के समय हिमालय पर्वत पर हुआ था।कथा के अनुसार, देवताओं और ऋषियों की उपस्थिति में जब विवाह मंत्रों की ध्वनि गूंजी, तब रात्रि का पवित्र वातावरण देवी-देवताओं के लिए भी “शुभ काल” माना गया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि रात्रि का समय शुभ विवाह के लिए श्रेष्ठ होता है।

सांस्कृतिक और व्यावहारिक कारण भी हैं

प्राचीन काल में लोग कृषि-आधारित जीवन जीते थे। दिन में खेतों में काम होता था, इसलिए विवाह जैसे बड़े आयोजन रात में आराम के समय किए जाते थे।
इसके अलावा, दीपक और अग्नि की रोशनी में “विवाह अग्नि” का महत्व और भी बढ़ जाता है, जो पवित्रता और सात जन्मों के बंधन का प्रतीक है।

आज भी कायम है परंपरा

समय भले बदल गया हो, लेकिन हिंदू समाज में विवाह के लिए रात्रि मुहूर्त को आज भी सर्वोत्तम माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह समय “अमृत काल” या “विजय मुहूर्त” में आता है, जब ग्रहों की स्थिति दांपत्य जीवन के लिए अनुकूल मानी जाती है।

 

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