Bhagwan Shiv Temple: पांडवों ने क्यों बनवाया था निष्कलंक महादेव मंदिर, जानें इस मंदिर का पौराणिक इतिहास

Bhagwan Shiv Temple: भारत में ऐसे कई अद्भुत मंदिर मौजूद है, जिनकी वास्तु कला आपको हैरानी में डाल सकते हैं। ऐसा ही एक मंदिर मौजूद है गुजरात के भावनगर के पास कोलियाक में, जिसका नाम है निष्कलंक महादेव मंदिर। यह मंदिर एक चौकोरी स्थल पर है जहां पांच अलग-अलग स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है। प्रत्येक शिवलिंग के सामने एक नंदी की मूर्ति भी विराजमान है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसे पांडवों ने स्थापित किया था। तो आईए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े इतिहास के बारे में…

 

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Bhagwan Shiv Temple
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क्या है मंदिर का इतिहास
पौराणिक मान्यताओं की अनुसार, इस मंदिर को पांडवों ने कौरवों से युद्ध जीतने के बाद बनवाया था। युद्ध में कौरवों को मारने के बाद पांडव इसे पाप समझ कर अपने आप को दोषी समझने लगे थे। बाद में जब उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से परामर्श लिया, तब उन्होंने उन्हें एक काला झंडा और काली गाय दी। श्री कृष्ण ने पांडवों से उसका पीछा करने को कहा और बताया कि जब ध्वज और गाय दोनों सफेद हो जाएंगे, तब उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी और उन्होंने भगवान शिव से क्षमा मांगने के लिए भी कहा।

 

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Bhagwan Shiv Temple
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पांडव वर्षों तक करते रहे गाय का पीछा
पांडव कई वर्षों तक गाय का पीछा करते रहे, फिर भी उसका रंग नहीं बदला। आखिरकार जब वे कोलियाक समुद्र के तट पर पहुंचे तब ध्वज और गाय दोनों सफेद हो गए। वहां पर पांडवों ने महादेव का ध्यान किया और उनसे अपने पापों के लिए क्षमा मांगी। पांडवों की प्रार्थना से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने पांचों भाइयों को शिवलिंग के रूप में दर्शन दिए। पांचों शिवलिंग के सामने नंदी की मूर्ति थी। पांचो शिवलिंग को पांडवों ने अमावस्या की रात एक चौकोर स्थल पर स्थापित कर निष्कलंक महादेव नाम दिया, जिसका अर्थ है स्वच्छ, निर्दोष और बेदाग होना। ‌

डिस्क्लेमर: इस ख़बर में निहित किसी भी जानकारी, सूचना अथवा गणना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं के आधार पर संग्रहित कर तैयार की गई है।

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

 

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