
Arvind Kejriwal: 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई गई, जिसके बाद दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन बन रहे हैं। दिल्ली में चलने वाले कुल वाहनों में ई-वाहनों की हिस्सेदारी 13 फीसदी है. पिछले साल इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री 115 प्रतिशत बढ़ी। दिल्ली के मुख्यमंत्री का दावा है कि केजरीवाल ने बयान दिया है कि पूरे देश में चलने वाले कुल ई-वाहनों में से आधे दिल्ली में चल रहे हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में 42 और ईवी चार्जिंग स्टेशनों का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने जनता को संबोधित भी किया.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आने वाला युग इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है। दिल्ली इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. आज दिल्ली में 42 और ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू हो गए हैं।
दिल्ली की जनता से मिला समर्थन
उन्होंने आगे कहा कि यहां 140 चार्जिंग प्वाइंट होंगे. दिल्ली सरकार ने पिछले साल पीपीपी मोड पर 100 चार्जिंग स्टेशन खोलने की घोषणा की थी। केजरीवाल ने कहा, ”आज दिल्ली को 42 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन मिल गए हैं। इसके बाद अब कुल 53 ईवी चार्जिंग स्टेशन हो गए हैं।”
देश की आधी इलेक्ट्रिक गाड़ियां दिल्ली में चलती हैं
पिछले आठ सालों में प्रदूषण में भारी कमी आई है. 2014 में पीएम 10 और पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर 30 प्रतिशत कम हुआ है। हमारी सरकार ने जो फैसला लिया उसका नतीजा दिख रहा है। केजरीवाल ने कहा, ”देश में आधे इलेक्ट्रिक वाहन दिल्ली में चलते हैं। दिल्ली अब ईवी राजधानी बनने जा रही है। दिल्ली के लोगों का भरपूर समर्थन मिला है।”
11 दिन पहले शुरू हुआ चार्जिंग स्टेशन
Arvind Kejriwal ने आगे कहा कि 42 चार्जिंग स्टेशन आज शुरू हो रहे हैं और 11 स्टेशन कुछ दिन पहले डीटीएल द्वारा शुरू किए गए थे। इलेक्ट्रिक वाहन प्रदूषण कम कर रहे हैं. आज दिल्ली में कुल वाहनों की संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत है।
इस बीच, दिल्ली सरकार का लक्ष्य शहर के हर हिस्से में कुशल और सुलभ ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा तैयार करना है। जहां प्रति यूनिट चार्जिंग लागत न केवल देश में बल्कि दुनिया में सबसे कम होगी और लोगों को ईवी चार्जिंग के लिए प्रति यूनिट तीन रुपये से भी कम खर्च करना होगा। दिसंबर में राजधानी में बिके कुल वाहनों में ई-वाहनों की हिस्सेदारी 16.7 फीसदी रही, जो देश में सबसे ज्यादा है। साथ ही, सभी चार्जिंग स्टेशन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर आधारित हैं।
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