
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। देश में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं और माना जा रहा है कि इसे वर्ष 2028 के आसपास लागू किया जा सकता है। हालांकि सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों का मानना है कि 7वें वेतन आयोग की अवधि समाप्त होने के बाद नया आयोग गठित किया जाना तय माना जा रहा है।
क्यों जरूरी है आठवां वेतन आयोग? (8th Pay Commission)
वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में किया जाता है ताकि कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को महंगाई के अनुरूप संशोधित किया जा सके। वर्तमान में लागू 7th Pay Commission जनवरी 2016 से प्रभावी है और इसकी अवधि 2026 के आसपास पूरी हो रही है। ऐसे में संभावना है कि सरकार 2027-28 तक नया वेतन ढांचा लागू कर सकती है।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी संभव?
अगर पूर्व वेतन आयोगों के ट्रेंड पर नजर डालें तो उम्मीद है कि फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जिसे बढ़ाकर 3.0 से 3.5 तक किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹25,000 या उससे अधिक हो सकती है। वहीं पेंशनर्स को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार पर क्या होगा असर?
8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ जरूर पड़ेगा, लेकिन इससे बाजार में खपत बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। साथ ही कर्मचारियों की क्रय क्षमता बढ़ने से इकोनॉमी को भी मजबूती मिलेगी।
कर्मचारियों की मांग
कई कर्मचारी संगठन पहले ही सरकार से नया वेतन आयोग गठित करने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई के इस दौर में वर्तमान वेतन पर्याप्त नहीं है और नई व्यवस्था की जरूरत है।
हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन संकेत साफ हैं कि आने वाले वर्षों में 8th Pay Commission को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। 2028 तक अगर आयोग लागू होता है, तो यह लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आर्थिक राहत लेकर आएगा।