8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नया साल 2026 बड़ी राहत और उम्मीदें लेकर आ सकता है। 31 दिसंबर 2025 को 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त माना जा रहा है और इसके बाद 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि 1 जनवरी से सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी और इसमें फिटमेंट फैक्टर की क्या भूमिका रहेगी।
क्या है फिटमेंट फैक्टर? (8th Pay Commission)
फिटमेंट फैक्टर वह गणना होती है, जिसके आधार पर मौजूदा बेसिक सैलरी को बढ़ाया जाता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। इसी के आधार पर न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग में इसके 2.6 से 3.0 के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है।
सैलरी कितनी बढ़ सकती है? समझें गणित
अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है, तो नई बेसिक सैलरी सीधे करीब 51,480 रुपये हो सकती है। वहीं, अगर फिटमेंट फैक्टर 3.0 रखा जाता है, तो यह सैलरी 54,000 रुपये तक पहुंच सकती है। इससे न सिर्फ इन-हैंड सैलरी बढ़ेगी, बल्कि डीए, एचआरए और पेंशन पर भी सीधा असर पड़ेगा।
कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
हालांकि सरकार की ओर से अभी आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन परंपरा के अनुसार नया वेतन आयोग 1 जनवरी से प्रभावी माना जाता है। भले ही इसकी घोषणा बाद में हो, लेकिन कर्मचारियों को एरियर मिलने की पूरी संभावना रहती है।
कर्मचारियों को क्या होगा फायदा?
8वें वेतन आयोग से करीब 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित हो सकते हैं। बढ़ती महंगाई के बीच यह सैलरी रिवीजन कर्मचारियों की क्रय शक्ति को मजबूत करेगा और रिटायरमेंट बेनिफिट्स में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
31 दिसंबर के साथ 7वें वेतन आयोग का दौर समाप्ति की ओर है और 1 जनवरी से नई उम्मीदें शुरू हो सकती हैं। अब सबकी नजरें सरकार के फैसले और फिटमेंट फैक्टर पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि 8वां वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा।
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