Aatmanirbhar Bharat योजना भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 20 मई 2020 को शुरू की गयी थी। आत्मनिर्भर भारत शुरू करने का फ़ैसला सरकार द्वारा भारत को और उसके देशवासियों को दूसरे देशों पर कम निर्भर होने के कार्यवली से लिया गया था। कोविड के दौरान सरकार ने यह योजना लोगों तक पहुँचाई। आत्मनिर्भर भारत के पाँच पिलर्ज़ हैं- अर्थव्यवस्था, इंफ़्रास्ट्रक्चर,सिस्टम,डैमॉक्रेसी,डिमांड हैं।
क्या था Aatmanirbhar Bharat का मक़सद?
सरकार कोविड के दोरान आत्मनिर्भर भारत का ऐलान करके लोगों की खोई हुई आस वापस देने का प्रवास करते हैं। सरकार का मक़सद था कि वे लोगों को कुछ काम करने के किए प्रोत्साहित करे ताक़ि लोग कुछ व्यापार शुरू करे और औरों पर निर्भर ना हो और जिससे कही ना कही हमारा देश तरक़्क़ी की ओर जाएगा।
क्या था पूरा आत्मनिर्भर भारत का कॉन्सेप्ट?
आत्मनिर्भर भारत योजना का ऐलान करते समय नरेंद्र मोदी जी ने 20 लाख रुपयों की मदद की भी घोषणा की थी। यह पैसें और मदद उन लोगों के लिए थी जो अपना कुछ नया शुरू बिज़्नेस या छोटा मोटा स्टार्ट-अप करना चाहतें थें। प्रधानमंत्री जी चाहते थे की देश में हर कोई किसी और पर निर्भर होने के बजाय खुद अपना काम खोले जिससे देश को भी सहायता मिले और देश भी आगे निकले। कोविड में जहाँ सब कुछ बंद हो चुका था वह सभी को एक नयी उमंग के तौर पर और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के रूप में आत्मनिर्भर भारत योजना लायी गयी।
क्या हुआ आत्मनिर्भर योजना का निष्कर्ष?
आत्मनिर्भर भारत योजना बनाने से काफ़ी हद तक लोगों में आत्मविश्वास की भावना जागी व लोग काफ़ी हद तक नया काम शुरू करने में जुट गये जिससे काफ़ी हद तक भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो गयी। भारत को जाह किई सामान बाहर से मँगवाना बदता था वही कई हद तक उस सामान का प्रडक्शन भारत में ही शुरू हो गया। इसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था भी कोविड जैसे समय में ठीक चल रही थी ।
आत्मनिर्भर भारत के पाँच पिलर्ज़ और उनपर प्रभाव-
आत्मनिर्भर भारत के पाँच पिलर्ज़ हैं- इकॉनमी, इन्फ़्रस्ट्रक्चर, सिस्टम,डिमॉक्रेसी और डिमांड।
आत्मनिर्भर भारत का उसके पाँचों पिलर्ज़ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। जहाँ और देशों की इकॉनमी तेज़ी से गिरती जा रही थी वहीं आत्मनिर्भर भारत के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में काफी हद तक और देशों के मुक़ाबले सही चली और जिसके कारण आज भी वह दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। भारत का इन्फ़्रस्ट्रक्चर,सिस्टम,डिमॉक्रेसी और डिमांड पर काफ़ी हद तक सकारात्मक प्रभाव पड़ा हैं और अब भी पद रहा हैं ।
(यह खबर विधान न्यूज में इंटर्न कर रहीं कशिश नागर ने तैयार की है)
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