Business News : पिछले कुछ समय से गौतम अड़ानी जो कि भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, उन पर हिंडनबर्ग द्वारा धोखाधड़ी और शेयर की क़ीमत में हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया था। जिस आरोप को अब मॉरीशस सरकार ने झूठा और आधारहीन कह कर बेबुनियाद साबित किया हैं, जिसके बाद अड़ानी ग्रूप ओफ़ इंडस्ट्रीज़ ने राहत की साँस ली हैं।
क्या था पूरा मामला?
हिंडनबर्ग एक अमरीकी सेलर फ़र्म हैं जिसने अपनी एक रीसर्च में 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट्स में बयान दिया था। उस बयान में उन्होंने कहा की अरबपति गौतम अड़ानी ने अपनी कम्पनियों के शेयर में छेड़-छाड़ किया हैं। उनका कहना हैं की अड़ानी ने मॉरीशस में बनायी एक फ़र्ज़ी कम्पनी का सहारा लेकर शेयर में छेड़-छाड़ की थी।
क्या हुआ सेबी का फ़ैसला?
सेबी( सिक्योरिटी एंड इक्स्चेंज बॉर्ड ओफ़ इंडिया) ने भी इस मामले में अपनी नज़र डाली। सेबी अड़ानी ग्रूप और मॉरीशस की दो फ़र्मों के बीच संबंधो का आकलन कर रहा हैं। वे दो फ़र्म हैं- ग्रेट इंटर्नैशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड।
क्या हैं फ़ैसला?
मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री ने सांसद में बताया कि देश के अरबपति गौतम अड़ानी के ऊपर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गये आरोप झूठे व आधारहीन हैं। मॉरीशस के वित्तीय सेवा मंत्री महेन कुमार सेरुट्टुन ने कहा कि हमारे यहाँ अड़ानी की कोई फ़र्ज़ी कम्पनी नहीं हैं। उनका कहना था कि मॉरीशस का क़ानून फ़र्ज़ी कॉम्पनियों की मौजूदगी की इजाज़त नहीं देता हैं और अड़ानी कम्पनी पर लगाए गए आरोप सिर्फ़ झूठ और आधारहीन हैं, और कुछ नहीं। यह सुनकर अड़ानी ग्रूप्स को काफ़ी राहत की साँस लेने का मौक़ा मिला हैं।
सीरुत्तन का पूरा बयान क्या था ?
मॉरीशस के वित्तीय मंत्री का कहना यह भी था एफ एस सी से लाइसेन्स लेने वाली सभी कम्पनियों को कुछ ज़रूरी शर्तें माननी होती हैं और आयोग इसपे कड़ी नज़र रखता हैं ।
उन्होंने अड़ानी मामले का नाम लेकर कहा की इसमें अभी ऐसा कोई उल्लंघन नहीं पाया गया हैं। उन्होंने कहा कि एफ एस सी ne इसपर पूरी तरह से गौर किया और छानबीन की और उसके बाद यह आरोप झूठे और आधारहीन साबित हो रही हैं।
(यह खबर विधान न्यूज में इंटर्न कर रहीं कशिश नागर ने तैयार की है)
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें।