Budget 2025 Big Announcement: आम बजट 2025-26 का देश के जहां इंतजार है और वहीं इसकी उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय, वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम बजट की तैयारी में जुटीं है। यह बजट ऐसे समय में आ रहा है, जब सरकार देश में खपत को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटा है। पिछली तिमाही में विकास दर औसत से कम रही थी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि देश की अर्थव्यवस्था को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ साहसिक कदम भी उठा सकती हैं ताकि यह बजट आने वाले वर्षों में देश के विकास के लिए ब्लूप्रिंट साबित हो सके।
राय मशविरा के साथ बड़ी तैयारी
इसी कड़ी में बजट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के आलाधिकारियों ने देश के बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक उनकी राय जानी। प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग की एक बैठक में देश के बड़े अर्थशास्त्रियों और अलग-अलग फिल्ड के एक्सपर्ट्स के साथ मुलाकात कर आगामी बजट पर चर्चा की और उनके विचार व सुझाव जानें। जानकारी के मुताबिक, बैठक में तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री को बजट में इनकम टैक्स में राहत, कस्टम ड्यूटी को रेशनलाइज करने और निर्यात को समर्थन देने के उपायों को शामिल करने के सुझाव दिए।
महंगाई पर नियंत्रण की चुनौती
दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि अप्रत्याशित रूप से धीमी होकर 5.4 फीसदी पर आ गई। इसका मुख्य कारण कमजोर पूंजी निर्माण, भू-राजनीतिक में अनिश्चितताओं का दौर और बाधित आपूर्ति श्रृंखलाओं के बीच निर्यात में कमी को बताया जा रहा है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण खुदरा मुद्रास्फीति भी अस्थिर बनी हुई है। दो महीनों को छोड़कर मुद्रास्फीति पूरे साल RBI की 4 फीसदी की लक्ष्य दर से ऊपर रही है। अक्टूबर 2024 में, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक CPI आरबीआई की 6 फीसदी की ऊपरी सीमा को भी पार कर 6.21 फीसदी पर पहुंच गया था। ऐसे में आरबीआई के लिए महंगाई पर नियंत्रण लगातार चुनौती बनी हुई है। हालांकि बीच-बीच में कुछ समय के लिए इसमें राहत जरूर मिलती रही है।
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इनकम टैक्स में राहत देने की सलाह
सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक, आगामी बजट में सरकार नौकरीपेशा और मीडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स के मोर्चे पर बजट में बड़ी राहत का ऐलान कर सकती है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 दिसंबर देश के बड़े अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की थी। उस बैठक में मौजूद अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था के जानकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत देने की सलाह दी थी। बैठक में मौजूद लोगों का कहना था कि मुद्रास्फीति खासकर फूड इन्फ्लेशन ने मिडिल क्लास पर काफी दबाव है। ऐसे में उन्हें टैक्स में राहत देने से उनके हाथों में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे कंजंप्शन बढ़ेगा।
उपभोग को बढ़ावा देने में मदद
खबरों के मुताबिक, भारत सरकार आगामी बजट में सालाना 10 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों के लिए इनकम टैक्स में राहत देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस राहत का मकसद मिडिल क्लास को राहत देकर उपभोग को बढ़ाना देना है। इससे डिस्पोजेबल आय में बढ़ोतरी होने से खपत भी बढ़ेगी। अगर होता है तो इससे लाखों टैक्सपेयर्स को आर्थिक फायदा हो सकता है।
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इसके साथ ही केंद्र सरकार ने फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी को कम करके भी आम लोगों को राहत दे सकती है। उद्योग जगत के साथ-साथ आम लोगों को उम्मीद है कि बजट में केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी का ऐलान कर सकती है। इन लोगों का कहना है कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी तक की कमी आने के बावजूद, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी के कारण फ्यूल की कीमत कम नहीं हुई है। उत्पाद शुल्क में कटौती से महंगाई पर अंकुश लगेगा और इससे निम्न आय वाले परिवारों में भी उपभोग को बढ़ावा देने में मदद मिल सकेगी।