Budget 2025 Income Tax: हर साल बजट से आम लोगों और इंडस्ट्री को नई उम्मीदें होती हैं। इस बार भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को देश का आम बजट पेश करेंगी। ये मोदी सरकार के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट होगा। जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ये लगातार रिकॉर्ड आठवां बजट होगा। हर साल की तरह इस बार भी प्राइवेट और सरकारी जॉब करने वाले नौकरीपेशा और मिडिल क्लास को बजट से काफी उम्मीदें हैं।
दरअसल, बजट का नाम सुनते ही लोगों की उम्मीदें टैक्स में कटौती से जुड़ जाती हैं। खासकर नौकरीपेशा और मिडिल क्लास इनकम टैक्स में कटौती के ऐलान का इंतजार करने लगते हैं। इस बार भी बजट को लेकर टैक्सपेयर्स की जितनी उम्मीदें हैं, उतनी शायद पहले कभी नहीं रही होगी। चर्चा चल रही है कि वित्त मंत्री इस बार बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करने का ऐलान कर सकती हैं, जबकि नई टैक्स रिजीम में डिडक्शन बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को तोहफा दे सकती हैं और अधिक से अधिक टैक्सपेयर्स को नई टैक्स रिजीम की ओर आकर्षित कर सकती हैं।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की चर्चा
इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव की चर्चा जोरों पर है। लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव कर उन्हें इनकम टैक्स में बड़ी राहत दे सकती हैं। नौकरी पेशा जुड़े लोगों को उम्मीद है कि को इस बार के बजट में इनकम टैक्स स्लैब, छूट, दर और रिबेट में बदलाव कर सरकार उन्हें बड़ी राहत दे सकती है। इससे उनकी जेब में अधिक पैसे बचेंगे और वो अपनी जरूरत के मुताबिक अधिक खर्च करेंगे जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।
टैक्स-फ्री हो सकती है 10 लाख रुपए तक सालाना कमाई
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2025-26 का बजट पेश करते हुए आयकरदाताओं को बड़ी राहत दे सकती हैं। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार बजट में 20 लाख रुपए तक कमाने वाले आयकरदाताओं को टैक्स में छूट दे सकती है। इसके लिए फिलहाल दो विकल्पों पर विचार हो रहा है। पहला, 10 लाख रुपए तक सालाना आय को टैक्स-फ्री करना और दूसरा, 15 से 20 लाख रुपए की आय वालों के लिए 25 फीसदी का नया टैक्स स्लैब बनाना। हालांकि यह छूट नए टैक्स रिजीम वालों को ही देने की तैयारी है।
अभी 7.75 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। दरअसल, 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। सरकार ने नए टैक्स स्लैब में टैक्स फ्री इनकम का दायरा ढ़ाई लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया था लेकिन टैक्स डिडक्शन को खत्म कर दिया था। वहीं, पुराना टैक्स स्लैब में टैक्स डिडक्शन को जारी रखा गया था। फिलहाल नौकरी पेशा लोगों को 75,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 7.75 लाख रुपए तक आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। जबकि 15 लाख रुपए से ऊपर आय वाले लोग 30 टैक्स स्लैब में आते हैं।
जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में छूट जरूरी!
बाजार और आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि ऐसे समय में जब जीडीपी ग्रोथ धीमी है तब आयकर छूट में राहत देकर खपत को सरकार बढ़ा सकती है। इससे पहले 2023 के बजट में आयकर में राहत दी गई थी। तब नए टैक्स रिजीम वालों के लिए धारा 87 ए में कर छूट बढ़ाकर 7 लाख रुपए तक की गई थी। हालांकि नए टैक्स रिजीम में ज्यादातर छूट का फायदा नहीं मिलता है। साथ ही इन लोगों का कहना है कि सरकार को 15 लाख से 20 लाख रुपए तक की आय वालों के लिए 25 फीसदी का टैक्स स्लैब लाना चाहिए। इससे लोगों के पास ज्यादा पैसा रहेगा, जिससे खपत बढ़ेगी।
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