
Current Account New Rules: बैंकिंग सेक्टर में बड़ा अपडेट आने वाला है। 1 तारीख से करंट अकाउंट (Current Account) से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं। ये बदलाव सीधे तौर पर उन ग्राहकों को प्रभावित करेंगे जिनका कारोबार करंट अकाउंट पर निर्भर करता है। बैंकिंग रेगुलेटरी सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाने और वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से नए प्रावधान लागू किए जा रहे हैं।
क्या-क्या बदलेगा? (Current Account New Rules )
नए नियमों के तहत बैंकों को करंट अकाउंट खोलने और चलाने के लिए कड़े मानदंडों का पालन करना होगा। पहले जहां ग्राहक किसी भी बैंक में आसानी से करंट अकाउंट खुलवा लेते थे, अब लेन-देन की प्रकृति, कारोबार का टर्नओवर और KYC की सख्ती के आधार पर ही खाता खोला जा सकेगा।
बैंकों को अब ऐसे ग्राहकों पर विशेष निगरानी रखनी होगी, जिनके खाते में भारी नकद लेनदेन होते हैं। इसके अलावा ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी, मिनिमम बैलेंस और ट्रांजैक्शन लिमिट में भी संशोधन किया गया है। नई गाइडलाइन के अनुसार, बैंक ग्राहकों की वित्तीय गतिविधियों की रियल-टाइम रिपोर्टिंग करेंगे ताकि किसी भी तरह के संदेहास्पद लेन-देन को रोका जा सके।
व्यापारियों पर क्या असर पड़ेगा?
करंट अकाउंट का उपयोग मुख्य रूप से व्यापारी, बिजनेस ओनर और कंपनियां करती हैं। नए नियमों से उन्हें कुछ बातें ध्यान रखनी होंगी—
- मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी बढ़ सकती है।
- ट्रांजैक्शन चार्जेस में अपडेशन संभव है।
- एक से अधिक बैंक में करंट अकाउंट रखने पर अतिरिक्त वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
- ओवरड्राफ्ट की सीमा बदलेगी, जिससे छोटे व्यापारियों को असर पड़ सकता है।
- बड़े लेन-देन पर बैंक अतिरिक्त दस्तावेज भी मांग सकते हैं।
हालांकि, बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि इन नियमों से बिजनेस ट्रांजैक्शन्स अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होंगे, जिससे आर्थिक प्रणाली मजबूत होगी।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
नए नियम लागू होने से पहले करंट अकाउंट रखने वाले सभी ग्राहकों को चाहिए कि:
- अपना KYC अपडेट कर लें।
- बैंक की नई लिमिट और चार्जेस की डिटेल चेक कर लें।
- एक से अधिक करंट अकाउंट हैं तो उनकी स्थिति की पुष्टि कर लें।
- लेन-देन से जुड़े दस्तावेज साफ-सुथरे रखें।
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