
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी इस बार पूरे देश में अभूतपूर्व उत्साह के साथ मनाया जाएगा. इस मौके पर मार्केट मे भारी व्यापार होने की उम्मीद है भारतीय व्यापारी चीन में बने सामान का बहिष्कार करने के साथ भारतीय प्रोडक्ट्स को अधिक बढ़ावा दे रहे हैं. खुश होने वाली बात यह है कि खरीदारों में भी भारतीय प्रोडक्ट्स का डिमांड है. कैट के एक अनुमान के अनुसार इस साल भारत मे गणेश चतुर्थी पर लगभग 25000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा. 2024 का यह फेस्टिव सीजन कारोबारियों के लिए शानदार होने जा रहा है. बता दें कि इस बार रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर भी कारोबार के पुराने कई रिकॉर्ड टूटे थे
देशभर भर में लगे 20 लाख से अधिक गणेश पंडाल
CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि Ganesh Chaturthi की वजह से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और गोवा जैसे राज्यों में आर्थिक गतिविधि तेज हो जाती है. CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि इन सभी राज्यों में स्थानीय व्यापारियों द्वारा किए गए सर्वेक्षण के बाद यह जानकारी मिली है कि देश भर मे लगभग 20 लाख से अधिक गणेश पंडाल लगाए गए हैं. 20 लाख पंडाल के खर्च का आंकड़ा 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा है
प्रतिमाओं और पूजन सामग्री पर होगा अधिक खर्च
प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, इस वर्ष गणेश प्रतिमाओं का कारोबार 500 करोड़ रुपये से अधिक का होता है। इसके साथ ही, फूल, माला, फल, नारियल, धूप, और अन्य पूजन सामग्री की बिक्री भी लगभग 500 करोड़ रुपये तक होती है। मिठाई की दुकानों और घरेलू व्यवसायों की बिक्री में 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी जाती है। इसके अलावा, बड़े समारोहों और भोजों के आयोजन के चलते परिवारों द्वारा कैटरिंग और स्नैक पर लगभग 3000 करोड़ रुपये का खर्च किया जाता है।
पर्यटन और सजावटी सामानों की बिक्री में वृद्धि की संभावना
बीसी भरतिया के अनुसार, Ganesh Chaturthi के दौरान पर्यटन और परिवहन व्यवसाय को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। यात्रा कंपनियों, होटलों, और परिवहन सेवाओं (जैसे बस, टैक्सी, ट्रेन) की मांग में वृद्धि के कारण इस क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो सकता है। रिटेल और मर्चेंडाइज की बात करें तो, त्योहार से संबंधित कपड़े, आभूषण, घर की सजावट, और उपहार सामग्रियों की बिक्री 3000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा, कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय सेवाओं को भी अच्छा समर्थन मिलेगा, जबकि इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को लगभग 5000 करोड़ रुपये का व्यवसाय मिलने की उम्मीद है।
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