Good News: देश में महंगाई को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में खुदरा महंगाई दर 2% रही है, जो कि एक बड़ी राहत की बात है। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में लगातार गिरावट के कारण महंगाई में यह बड़ी राहत संभव हो सकी है।
आवश्यक वस्तु सूचकांक में गिरावट (Good News)
रिपोर्ट के मुताबिक, आवश्यक वस्तु सूचकांक (ECI) पिछले चार महीनों से निगेटिव जोन में बना हुआ है। अगस्त में यह -1% और सितंबर के शुरुआती 9 दिनों में -0.9% तक गिरा है। इसका मतलब यह है कि रोज़मर्रा की चीजें जैसे सब्ज़ी, दालें, तेल आदि सस्ती हो रही हैं।
प्याज और आलू के दामों में ऐतिहासिक गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा गिरावट प्याज और आलू की कीमतों में देखी गई है। प्याज की खुदरा कीमत में -37.5% तक की कमी आई है, जो जनवरी 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं, आलू के दाम 44 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
दालों के दामों में भी गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार दालों के दामों में भी अच्छी खासी गिरावट देखी जा रही है। तुअर/अरहर दाल की कीमतों में अगस्त में -29% की गिरावट आई है। इसके अलावा उड़द (-8.9%), मूंग (-5.2%) और मसूर (-1.4%) में भी गिरावट दर्ज की गई है।
आम जनता को मिलेगी राहत
इस रिपोर्ट से साफ है कि आने वाले दिनों में महंगाई पर लगाम लगने की उम्मीद है। रोज़मर्रा की जरूरी चीजें जैसे सब्ज़ी, दाल, अनाज और FMCG उत्पाद अब पहले से सस्ते हो सकते हैं। यह आम आदमी के बजट के लिए बड़ी राहत की खबर है।
सरकार की जीएसटी नीति का अच्छा असर
बैंक ऑफ बड़ौदा का मानना है कि केंद्र सरकार की ओर से FMCG और टिकाऊ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती का भी महंगाई पर अच्छा असर पड़ा है। इससे खुदरा महंगाई दर पर 55 से 75 आधार अंक तक असर पड़ सकता है।
वैश्विक बाजारों में स्थिरता
ग्लोबल मार्केट भी महंगाई में कमी के पीछे एक बड़ा कारण है। वैश्विक स्तर पर खाद्य और ऊर्जा की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम कम होने से घरेलू कीमतों पर दबाव कम हुआ है।
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