
Arhar Dal Price: अरहल की दाल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, इसे देखते हुए दाल के रेट पर नकेल कसने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारत में सबसे ज्यादा तुअर यानी अरहर दाल (Arhar dal price) की खपत होती है, पर इस समय की बात करें तो अरहल की दाल आम आदमी के खाने का स्वाद बिगाड़ रही है दालों के बढ़ते भाव से आम आदमी काफी परेशान है।
Arhar Dal Price: सरकार ने लिया ये फैसला
इसी वजह से सरकार घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के प्रयासों के तहत अपने बफर स्टॉक से पात्र मिल मालिकों को अरहल दाल बेचने की तैयारी कर रही है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार के इस फैसले के बाद दाल की कीमत में कमी आने की संभावना है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि “सरकार ने भारतीय बाजार में आयातित भंडार आने तक तुअर को राष्ट्रीय बफर से सुनियोजित और लक्षित तरीके से जारी करने का फैसला किया है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार जब तक इम्पोर्टेड अरहर की दाल खुले मार्केट में नहीं आती है, तब तक सरकार इसे जारी रखेगी”
सरकारी ने की भंडार सीमा निर्धारित
उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर अरहर की उपलब्धता पर स्टॉक जारी करने के बाद के मूल्यांकन किए गए प्रभाव के आधार पर नीलामी की जाने वाली मात्रा और संख्या को तय करने के आदेश सरकार ने दिए है। 2 जून को जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने और उपभोक्ताओं को सस्ते में सुलभ कराने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करके अरहर और उड़द पर भंडार सीमा लगा दी गई थी।
इस आदेश के चलते सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक तुअर और उड़द के लिए भंडार सीमा निर्धारित की गई है।
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