ITR: आयकर विभाग 10 लाख रुपये तक का लगाएगा जुर्माना, अगर संपत्ति और आय को छिपाया गया तो होगा बड़ा नुकसान।

ITR: आयकर विभाग ने कंप्लाइंस और अवेयरनेस अभियान के तहत टैक्सपेयर्स के लिए पब्लिक कंसलटेशन पेपर जारी किया है, जिसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि देर से या संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।

Income Tax: आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में विदेश में स्थित संपत्ति या विदेशी स्रोत से आय का खुलासा नहीं किया, तो उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना ब्लैक मनी यानी कालाधन विरोधी कानून के तहत लगाया जाएगा। साथ ही, विभाग ने यह भी याद दिलाया कि देर से या संशोधित आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।

कंप्लाइंस और अवेयरनेस अभियान के तहत चेतावनी

आयकर विभाग ने शनिवार को कंप्लाइंस-कम अवेयरनेस अभियान के तहत एक पब्लिक कंसलटेशन पेपर जारी किया है, जिसमें टैक्सपेयर्स से अपील की गई है कि वे इस साल अपने आयकर रिटर्न में किसी भी जानकारी को छिपाए नहीं। विशेष रूप से, ऐसे टैक्सपेयर्स को जिनकी विदेशी संपत्तियां या विदेशी आय हैं, उन्हें अपनी पूरी जानकारी सही तरीके से आईटीआर में शामिल करनी चाहिए।

विदेशी संपत्तियां और आय का खुलासा जरूरी

कंसलटेशन पेपर में बताया गया है कि भारतीय टैक्स रेजिडेंट्स के लिए कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अगर टैक्सपेयर्स ने अपनी विदेशी संपत्तियों या आय का खुलासा नहीं किया तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है। विदेशी संपत्तियां में बैंक अकाउंट्स, कैश वैल्यू इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट्स, सालाना कॉन्ट्रैक्ट्स, अचल संपत्ति, इक्विटी, लोन इंट्ररेस्ट, ट्रस्ट्स आदि शामिल हैं।

फॉरेन असेट्स और आय की जानकारी देने के तरीके

सीबीडीटी (CBDT) ने कहा है कि वह एसएमएस और ईमेल के माध्यम से उन टैक्सपेयर्स को सूचित करेगा, जिन्होंने पहले ही असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपना ITR दाखिल कर दिया है। यह सूचना उन टैक्सपेयर्स को भेजी जाएगी, जिनकी जानकारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत उपलब्ध हुई है।

विदेशी संपत्ति का खुलासा न करना अपराध

आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि टैक्सपेयर्स को अपनी विदेशी संपत्ति और विदेशी आय का खुलासा करना अनिवार्य है। अगर किसी टैक्सपेयर्स ने विदेशी संपत्ति या आय का सही जानकारी आईटीआर में नहीं दी, तो उन्हें ब्लैक मनी एंड टैक्स इंपोजीशन ऐक्ट, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। यह नियम उन लोगों पर लागू होगा, जिनकी आय विदेश में स्थित संपत्तियों या आय से कमाई जाती है, भले ही उनकी आय टैक्सेबल लिमिट से कम हो।

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