
Indian Railway News: भारतीय रेलवे में वेटिंग लिस्ट के टिकट अक्सर यात्रियों के लिए चिंता का कारण बनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ हद तक यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कौन-कौन सी वेटिंग टिकट कंफर्म हो सकती हैं?
रेलवे विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रेन में टिकट कंफर्म होने की संभावना खाली सीटों और यात्रियों की नॉन-अपियरेंस पर निर्भर करती है। आमतौर पर, ट्रेन में 4-5% यात्री जो टिकट खरीदते हैं, वे यात्रा नहीं करते। इस कारण से वेटिंग टिकट के कंफर्म होने की संभावना करीब 25% तक बढ़ जाती है।
जानिए इससे जुड़ी जानकारी (Indian Railway News)
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ट्रेन में 10 स्लीपर कोच हैं और हर कोच में 18 सीटें खाली हैं, तो इसका मतलब है कि पूरी ट्रेन में 180 वेटिंग टिकट कंफर्म हो सकती हैं। यही गणित थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी कोच पर भी लागू होता है।
इसके अलावा, रेलवे मंत्रालय इमरजेंसी कोटा के तहत कुल सीटों का 10% रिजर्व रखता है, जिसे बीमार या जरूरतमंद यात्रियों के लिए रखा जाता है। यदि इसका केवल आधा उपयोग होता है, तो बाकी सीटें वापस पूल में जोड़ दी जाती हैं। इससे वेटिंग लिस्ट के टिकट कंफर्म होने की संभावना और बढ़ जाती है।
यात्रियों के लिए यह जानना जरूरी है कि पूरी तरह से वेटिंग टिकट का कंफर्म होना गारंटीड नहीं है, लेकिन सीटों की गणना और रिजर्वेशन नीतियों के आधार पर यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
अगर आपको ट्रेन टिकट बुक करना है और आपका टिकट वेटिंग है तो आपको रेलवे के द्वारा दिए गए जानकारी हर हाल में रखनी चाहिए। वेटिंग टिकट बुक करते समय इन बातों का ध्यान रखकर आप कंफर्म टिकट बुक कर सकते हैं।
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