
Indian Railway: हमारे देश में रोजाना लाखों की संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं। ट्रेन से सफर करना बेहद आरामदायक होता है इसके साथ ही लंबी दूरी की यात्रा तय करने में भी खर्च अधिक नहीं आता है। रेलवे यात्रियों की सुविधाओं के लिए कई जरूरी नियम भी बनाया है जिसका पालन करना आवश्यक है।
भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन है और लाखों लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि टिकट खो जाता है और लोग परेशान हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे ने इसके लिए कुछ आसान नियम बनाए हैं।
टिकट के प्रकार और नियम (Indian Railway)
भारतीय रेलवे में मुख्य रूप से दो तरह के टिकट होते हैं: ई-टिकट और काउंटर टिकट। दोनों के नियम थोड़े अलग होते हैं।
1. काउंटर टिकट खो जाने पर- अगर आपका काउंटर टिकट खो गया है, तो आप अपने नजदीकी मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (Chief Reservation Supervisor) के पास जाएं। एक लिखित आवेदन दें और 50 रुपये (स्लीपर क्लास) या 100 रुपये (AC क्लास) शुल्क देकर डुप्लीकेट टिकट बनवा सकते हैं।यह डुप्लीकेट टिकट मूल टिकट की तरह मान्य होगा।
2. ट्रेन में टिकट खो जाने पर: अगर आप पहले ही ट्रेन में बैठ चुके हैं और टिकट खो गया है, तो TTE (टिकट चेकर) से संपर्क करें।अगर आपके पास PNR नंबर या टिकट की कोई फोटोकॉपी है, तो दिखाएं।अगर कुछ भी नहीं है, तो TTE आपका नाम चार्ट से वेरीफाई करके आपको यात्रा जारी रखने देगा, लेकिन आपसे पूरा किराया फिर से लिया जाएगा और जुर्माना भी देना होगा।
3. ई-टिकट और ID भूल जाने पर: अगर आपने ई-टिकट लिया है और पहचान पत्र (ID) साथ लाना भूल गए हैं, तो रेलवे के नियम अनुसार आप बिना टिकट माने जाएंगे।आप TTE को यात्रा का किराया और जुर्माना देकर यात्रा जारी रख सकते हैं। TTE आपको उसी बर्थ पर यात्रा करने देगा जो आपने पहले बुक की थी।
टिकट खो जाना एक आम समस्या है, लेकिन भारतीय रेलवे ने इसके लिए आसान समाधान प्रदान किए हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। बस नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा का आनंद लें।
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