जर्मनी की सरकारी रेल कंपनी डॉयचे बान (DB) ने अपने अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स के लिए भारत से लोको पायलट्स की भर्ती शुरू कर दी है। भारत में कंपनी के 600 से अधिक कर्मचारी हैं, और कंपनी ने गाजियाबाद के दुहाई और आसपास के क्षेत्रों से लोको पायलट्स की भर्ती की है। उन्हें अपस्किल किया गया है ताकि वे ग्लोबल रोल में काम कर सकें। DB की योजना अपने अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में भारतीय कर्मचारियों का बेहतर उपयोग करने की है।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS का संचालन
DB ने जुलाई 2022 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के संचालन और रखरखाव का अधिकार 12 साल के लिए प्राप्त किया था। हाल ही में DB ने इस सेवा के संचालन का एक वर्ष पूरा किया है। 600 कर्मचारियों की मदद से 42 किलोमीटर क्षेत्र में RRTS सेवा को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है, जो भारत की पहली क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सेवा है, जिसे “नमो भारत” भी कहा जाता है।
DB का भारतीय मेट्रो प्रोजेक्ट्स में विस्तार
डॉयचे बान भारतीय बाजार में मेट्रो सिस्टम के परामर्श, संचालन और रखरखाव सेवाओं में भी विस्तार कर रही है। कंपनी ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत वे संयुक्त व्यवसायिक अवसरों का पता लगाएंगे। यह साझेदारी सिस्टम इंजीनियरिंग, सामान्य इंजीनियरिंग परामर्श, परियोजना प्रबंधन और शहरी जन परिवहन परियोजनाओं में सहायता प्रदान करेगी। DB का उद्देश्य भारत में मेट्रो सेवाओं को संचालित करने के अधिक अवसर खोजना है।
भारत के परिवहन क्षेत्र में DB की भूमिका
DB का भारत में विस्तार न केवल मेट्रो सेवाओं को मजबूत बनाएगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन में निजी कंपनियों की भागीदारी को भी बढ़ावा देगा। परंपरागत रूप से, रेलवे और मेट्रो जैसी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का विकास और रखरखाव भारतीय सरकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है। DB का यह अनुबंध, ₹1,000 करोड़ से अधिक का है और यह पहली बार है जब भारत में किसी प्राइवेट पार्टी को इस तरह का व्यापक संचालन और रखरखाव का जिम्मा सौंपा गया है, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
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