
Money Laundering: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है और ईडी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है, तो चलिए जानते हैं आखिर क्या होती है ये मनी लॉन्ड्रिंग
गलत तरीके से लीगल मनी बनाना
मनी लॉन्ड्रिंग को आप आसान भाषा में अगर समझना है तो पैसों की सफाई या धुलाई होती है और ऐसा माना जाता है कि यहां के माफिया गलत तरीकों से जो धन कमाया था उसे कई तरीकों से लीगल मनी बनाते थे। काले धन को सफेद करने के लिए इसका सहारा लिया जाता है और माफियाओं से शुरू हुआ ये तरीका आज नौकरशाह, बिजनेसमैन, राजनेता भी इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा शैल कंपनियों के जरिए और विदेशों के बैंक में पैसा जमाने को भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है।
जो आदमी धन की इस तरह गड़बड़ी करता है उसे लॉन्डरर कहा जाता है और इसको कई तरीकों से अंजाम दिया जाता है। इससे काला धन सफेद होकर कुछ परसेंट के कट के साथ दोबारा अपने मूल मालिक के पास लौट आता है।
अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने आबकारी नीति बनाते समय गलत तरीके ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया। केजरीवाल के सरकार के 2 अन्य बड़े मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। केजरीवाल पर शराब घोटाले के जरिए करोड़ों रुपए की हेरा-फेरी का आरोप है।
कई तरीकों से होता है काम
ऐसा कई बार सुनने में आता है कि सरकार इस शख्स को सस्ते में जमीन मुहैया कराई गई थी। इस पर काफी विवाद भी बनता है। मनी लॉन्डरिंग में भी ऐसा किया जाता है और जहां महंगी जमीन, दुकान, घर को कागजों में सस्ते दाम पर खरीदता है, जिससे कि उस पर टैक्स कम देना पड़े।
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