झMutual Fund SIP: चाहे आप बिजनेस करते हों या किसी प्राइवेट या सरकारी नौकरी में हों, निवेश करना हर किसी के लिए जरूरी है। आजकल म्यूचुअल फंड में निवेश की लोकप्रियता बढ़ी है, जिसमें SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) सबसे ज्यादा अपनाया जाने वाला तरीका है। SIP में निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में डाल सकते हैं, जो एक अनुशासित और सुविधाजनक निवेश विकल्प है।
SIP कई प्रकार की होती हैं, जिनमें से स्टेप-अप SIP निवेश का एक बेहतर तरीका माना जाता है। इसमें निवेशक अपनी बढ़ती आय के हिसाब से हर साल निवेश राशि को बढ़ा सकते हैं, जिससे उनका निवेश का कॉर्पस भी बढ़ता है और रिटर्न भी ज्यादा मिलता है। इसे कुछ लोग टॉप-अप SIP भी कहते हैं।
SIP और स्टेप-अप SIP का अंतर
SIP में निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि जमा करते हैं, जो उन्हें समय के साथ बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर ब्याज देती है। यह विकल्प भारतीय निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है, जो नियमित और छोटे-छोटे निवेश के माध्यम से बड़े लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।
वहीं, स्टेप-अप SIP में निवेशक हर साल एक निश्चित प्रतिशत या राशि से अपना निवेश बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने 5,000 रुपये की SIP शुरू की है और उसे 10% बढ़ाना चाहता है, तो अगले साल वह राशि 5,500 रुपये हो जाएगी। इसी तरह, हर साल वृद्धि होती रहेगी, जिससे निवेशक को ज्यादा ब्याज मिलेगा और फंड का कॉर्पस भी बढ़ेगा।
स्टेप-अप SIP कैसे काम करता है?
स्टेप-अप SIP के तहत निवेशक अपने SIP का अमाउंट या तो प्रतिशत के हिसाब से बढ़ा सकते हैं या एक निश्चित राशि से
प्रतिशत आधारित स्टेप-अप SIP
इस विकल्प में SIP राशि हर साल एक निश्चित प्रतिशत से बढ़ती है। जैसे, 5,000 रुपये की SIP पर 10% बढ़ोतरी का मतलब है अगले साल यह राशि 5,500 रुपये हो जाएगी और इसी प्रकार आगे बढ़ती रहेगी।
राशि आधारित स्टेप-अप SIP
इसमें निवेशक हर साल SIP में एक निश्चित राशि जोड़ते हैं। जैसे, यदि 5,000 रुपये की SIP शुरू की गई है और हर साल इसमें 500 रुपये बढ़ाते हैं, तो अगले साल SIP राशि 5,500 रुपये और उसके अगले साल 6,000 रुपये हो जाएगी।
स्टेप-अप SIP के फायदे
आय के साथ निवेश में वृद्धि: स्टेप-अप SIP से निवेशक अपनी आय के अनुसार अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं। इससे भविष्य में बेहतर वित्तीय स्थिति हासिल करने में मदद मिलती है।
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कंपाउंडिंग का फायदा
धीरे-धीरे बढ़ते निवेश से कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है, जिससे मिलने वाला रिटर्न अधिक होता है।
रुपे-कॉस्ट एवरेजिंग
स्टेप-अप SIP, स्टैंडर्ड SIP की तरह बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए रुपे-कॉस्ट एवरेजिंग का लाभ देता है, जिससे जोखिम कम होता है
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