Mutual Funds: म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके निवेशक बड़ा फंड एकत्रित कर सकते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्प होते हैं, जैसे एसआईपी, इक्विटी फंड्स, डेट फंड्स और हाइब्रिड फंड्स। हालांकि, इसमें बाजार जोखिम भी निहित होता है, लेकिन औसतन 12 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है। यदि आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो इसके विभिन्न निवेश विकल्पों के बीच के अंतर को समझना बेहद जरूरी है।
म्यूचुअल फंड्स निवेश रणनीति
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय यह जरूरी है कि आप अपनी निवेश रणनीति पर ध्यान दें। चाहे आप लम्बे समय तक निवेश करना चाहें या शॉर्ट टर्म में, हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।
Mutual Funds में निवेश के प्रकार
म्यूचुअल फंड्स में कई प्रकार के निवेश विकल्प होते हैं, जो अलग-अलग निवेश लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर चुन सकते हैं। आइए जानते हैं इन निवेश के प्रमुख प्रकारों के बारे में
इक्विटी फंड्स (Equity Funds)
इक्विटी फंड्स को स्टॉक फंड भी कहा जाता है। इसमें निवेशक का पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है। यदि आप लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं और अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं, तो यह फंड आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। हालांकि, इक्विटी फंड्स में अधिक जोखिम होता है, इसलिए निवेशक को यह निर्णय सोच-समझकर लेना चाहिए। लम्बे समय में इसमें अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं, लेकिन इसकी सफलता बाजार की चाल पर निर्भर करती है।
डेट फंड्स (Debt Funds)
यदि आप म्यूचुअल फंड्स के जरिए शॉर्ट टर्म में निवेश करना चाहते हैं, तो डेट फंड्स आपके लिए सही विकल्प हो सकते हैं। इसमें कम जोखिम होता है, और निवेशक का पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी जैसे डिबेंचर, ट्रेजरी बिल, गवर्नमेंट सिक्योरिटी और बॉंड्स में निवेश किया जाता है। इन फंड्स को इक्विटी के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसमें रिटर्न कम होते हैं और निवेशक को टैक्स का भुगतान भी करना पड़ सकता है। इस विकल्प में आप जब चाहें पैसा निकाल सकते हैं।
हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds)
हाइब्रिड फंड्स को बैलेंस्ड फंड भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें निवेशक का पैसा दोनों—डेट और इक्विटी—विकल्पों में लगाया जाता है। यह उन निवेशकों के लिए आदर्श विकल्प है, जो कम रिस्क के साथ निवेश करना चाहते हैं, लेकिन फिर भी अच्छे रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। हाइब्रिड फंड्स में निवेश करने से दोनों दुनियाओं का फायदा मिलता है: एक तरफ इक्विटी से उच्च रिटर्न का मौका और दूसरी तरफ डेट से सुरक्षा का लाभ।
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