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रतन टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन बने नोएल टाटा, जानिए उनके बारे में

Noel Tata Successor of Ratan Tata: रतन टाटा के उत्तराधिकारी बने उनके सौतेले भाई नोएल टाटा। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माने जाने वाले नोएल को अब दोनों ट्रस्टों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आइए, जानते हैं उनके बारे में...

Noel Tata Successor of Ratan Tata: टाटा ग्रुप के दोनों प्रमुख चैरिटेबल ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। 86 वर्षीय रतन टाटा ने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। गुरुवार शाम को उनका अंतिम संस्कार किया गया। रतन टाटा के निधन के बाद, उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था, जो अब शांत हो चुका है। क्योंकि रतन टाटा अविवाहित थे और उनकी कोई संतान नहीं थी, ऐसे में ट्रस्ट के चेयरमैन पद के लिए ट्रस्टी बोर्ड को निर्णय लेना था। उनके सौतेले भाई 67 वर्षीय नोएल टाटा को इस जिम्मेदारी के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार माना गया और उन्हें दोनों ट्रस्टों का नया चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया है।

नोएल टाटा कौन हैं? 

नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। वे नवल टाटा और उनकी पत्नी सिमोन टाटा के बेटे हैं। नोएल की शिक्षा और व्यवसायिक करियर ने उन्हें टाटा समूह में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। वे टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे हैं और समूह की कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल रहे हैं। वे ट्रेंट, टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन भी हैं। इसके साथ ही, नोएल टाटा स्टील और टाइटन कंपनी के वाइस चेयरमैन भी हैं।

नोएल टाटा के टाटा ट्रस्ट में पहले से ही मजबूत पकड़ थी। वे सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के सदस्य भी थे, जिनकी अब उन्हें चेयरमैनशिप सौंप दी गई है। इस नए पदभार के बाद नोएल टाटा की वर्तमान जिम्मेदारियों में बदलाव की संभावना है।

रतन टाटा के बाद उत्तराधिकार की प्रक्रिया 

रतन टाटा के बाद, उनके उत्तराधिकारी के चयन को लेकर चर्चाएं लंबे समय से चल रही थीं। हालांकि, नोएल टाटा का नाम शुरू से ही चेयरमैन पद के लिए प्रमुखता से लिया जा रहा था। चूंकि रतन टाटा के बाद उनकी फैमिली में सबसे नजदीकी और योग्य व्यक्ति नोएल ही थे, इसीलिए उनका चयन स्वाभाविक माना गया। नोएल टाटा टाटा समूह की कई कंपनियों में नेतृत्व की भूमिका निभा चुके हैं, जिससे उनके पास यह जिम्मेदारी संभालने का पर्याप्त अनुभव भी है।

नोएल टाटा, टाटा सन्स के अध्यक्ष बनने की रेस में भी पहले शामिल थे, लेकिन उस समय जिम्मेदारी उनके बहनोई साइरस मिस्त्री को सौंपी गई थी। बाद में साइरस मिस्त्री के पद छोड़ने के बाद, एन चंद्रशेखरन को टाटा सन्स का अध्यक्ष बनाया गया था। अब, नोएल टाटा के पास टाटा ट्रस्ट्स की चेयरमैनशिप की जिम्मेदारी है, जो टाटा ग्रुप के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स का टाटा सन्स और टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों में एक प्रमुख स्थान है।

नोएल टाटा की भविष्य की भूमिका 

नोएल टाटा के चेयरमैन बनने के साथ ही यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे इस भूमिका में किस तरह की नीतियों और दृष्टिकोण को अपनाते हैं। वे पहले से ही टाटा समूह के विभिन्न व्यवसायों में गहरी भागीदारी रखते हैं, और उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर उद्योग जगत में सम्मान है। नोएल अब सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें और सर रतन टाटा ट्रस्ट के छठे चेयरमैन हैं।

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