Old Pension Scheme: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर बड़ा फैसला लिया है। लंबे समय से OPS बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों को झटका देते हुए सरकार ने साफ कर दिया है कि अब पुरानी पेंशन योजना को वापस नहीं लाया जाएगा। इसके स्थान पर सरकार ने एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने की घोषणा की है, जो कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के साथ-साथ सरकार पर वित्तीय बोझ को भी संतुलित करेगी।
क्या है सरकार का फैसला? (Old Pension Scheme)
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी केंद्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे। इसके बजाय उन्हें नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत शामिल किया जाएगा। इस स्कीम में कर्मचारियों को NPS की तरह ही योगदान देना होगा, लेकिन इसमें न्यूनतम गारंटीड पेंशन का भी प्रावधान रखा गया है।
क्यों खत्म की गई पुरानी योजना?
सरकार का तर्क है कि OPS एक गैर-योगदान आधारित व्यवस्था थी, जिससे केंद्र और राज्यों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता था। वहीं, नई UPS योजना में पेंशन की सुरक्षा भी है और सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव भी नहीं पड़ेगा।
कर्मचारी संघों की प्रतिक्रिया
कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है और OPS की बहाली के लिए विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, राजस्थान, हिमाचल, पंजाब और झारखंड जैसे कुछ राज्यों में OPS पहले से बहाल है, जिससे केंद्र पर दबाव बढ़ा हुआ था।
आगे की राह
सरकार का कहना है कि UPS स्कीम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इससे पेंशन सिस्टम को अधिक पारदर्शी और टिकाऊ बनाया जा सकेगा। साथ ही, कर्मचारियों को निवेश पर मिलने वाला रिटर्न भी सुरक्षित रहेगा।
केंद्र सरकार ने OPS बहाली की मांग पर अंतिम मुहर लगा दी है, पुरानी पेंशन अब अतीत की बात बन गई है। नई UPS योजना के जरिए सरकार एक ऐसा मॉडल लाने की कोशिश कर रही है, जो कर्मचारियों की सुरक्षा और सरकारी वित्तीय अनुशासन दोनों को संतुलित रख सके।
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