
Onion Price Increase: फेस्टिव सीजन में लोग इस उम्मीद में थे कि प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट आएगी, लेकिन उनका इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ। वेडिंग सीजन में बढ़ती सब्जियों की कीमतों ने आम जनता का बजट बढ़ा दिया है। इन बढ़ी हुई कीमतों के चलते अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के दायरे से बाहर चली गई। आइए जानते हैं कि प्याज और टमाटर की कीमतों में कब राहत मिल सकती है।
प्याज की बढ़ती कीमतें
देश के अधिकांश हिस्सों में प्याज की कीमतें 70-80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इसके अलावा लहसुन की कीमत भी 400 रुपये प्रति किलो के पार हो गई है। हालांकि, टमाटर की कीमत में कुछ राहत आई है, लेकिन प्याज के दाम अब भी सातवें आसमान पर हैं। यह कीमतें सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर असर डाल रही हैं, जिससे महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
कब सस्ता होगा प्याज?
लोगों को उम्मीद है कि प्याज की कीमतों में जल्द राहत मिलेगी। कंज्यूमर अफेयर मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कुछ दिनों में प्याज की कीमतों में नरमी देखी जा सकती है। इसके पीछे कारण है कि खरीफ फसल के उतरने के बाद प्याज की कीमतों में गिरावट हो सकती है। हालांकि, रबी फसल में प्याज की कम पैदावार और बारिश-बाढ़ के कारण प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई थी, जिससे कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी हुई थी।
टमाटर में आई थोड़ी राहत
केंद्र सरकार का कहना है कि टमाटर की कीमतों में 22 प्रतिशत की कमी आई है। यह कमी आपूर्ति बढ़ने के कारण आई है, जिससे मंडी में कीमतों में गिरावट आई है। 14 नवंबर को टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 52.35 रुपये प्रति किलो था, जो कि 14 अक्टूबर को 67.50 रुपये प्रति किलो से 22.4 प्रतिशत कम है। मंडी में टमाटर की कीमतें भी लगभग 50 प्रतिशत घट गई हैं।
सब्जियों की कीमत पर मौसम का असर
टमाटर की कीमतों में उछाल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण हुआ था। वहीं, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात से मौसमी आवक के कारण टमाटर की कीमतों में कमी आई है। कृषि विभाग के अनुसार, 2023-24 में टमाटर का उत्पादन 213.20 लाख टन होने का अनुमान है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत अधिक है।
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