Pakistan Crisis : पाकिस्तान से लगातार बेहद ही नेगेटिव खबरें सुनने को मिल रही है। देश ना केवल डीके बहुत बड़े crisis से जूंझ रहा है बल्कि उसके आने वाले फ्यूचर के बारे में भी कोई खास प्लान नहीं हैं। Pakistan Crisis की बात करे तो वह काफी समय से पाकिस्तान को नुकसान पर नुकसान पहुंचाये जा रहा हैं और देखते ही देखते पाकिस्तान और नीचे गिरता नजर आ रहा हैं। देखते ही देखते पाकिस्तान हर तरफ से गिर रहा हैं। जहां पहले सिर्फ पाकिस्तान के खजाने के खत्म होने की खबर आ रही थी वही ऐन उसकी स्टॉक मार्केट के गिरने की भी खबर सामने आयी हैं।

क्या है पाकिस्तान स्टॉक मार्केट की गुरावट का हालत ?
पाकिस्तान की ग्रोथ के साथ साथ इसकी शेयर मार्केट कैपिटलाइजेशन भी लगातार घटता नजर आ रहा हैं। पिछले छः साल से ये लगातार घटता ही दिखायी दे रहा हैं। बात करे इसके बेंचमार्क इंडेक्स की तो 2017 में पाकिस्तान का बेंचमार्क इंडेक्स KSE100 52,000 अंकों पर थी। बात करे इसके मार्केट कैपिटलाइजेशम की तो 2017 में यह 99.52 अरब डॉलर थी। वही ये उसके अगली साल घटकर 76.30 अरब डॉलर हो गई।पाकिस्तान की मार्केट कैपिटलाइजेशन ऐसे गिरने लगी कि वापस फिर ऊपर नहीं उठ पायी। गिरते गिरते ये साल 2019 में 47.52 अरब डॉलर हो गई।
क्या हैं पाकिस्तान की करेंट मार्केट कैपिटलाइजेशन ?
पाकिस्तान की मार्केट में गिरावट आने के बाद से ही वह और ज्यादा हर साल गिरती नजर आयी। साल 2020 में इसकी मार्केट कैपिटलाइसेशन 40.23 अरब डॉलर तक आ गई और वही अगली वापस से गिरकर 2022 में 21.83 अरब डॉलर पहुंच गई। बात करे फिलहाल इस साल की तो इस साल इसकी वैल्यू 20 अरब डॉलर हो गई हैं। आंकड़ो में साफ नजर आ रहा हैं कि किस तरह ये लगातार गिरती ही जा रही हैं।
अड़ानी से क्यों करा जा रहा हैं कंपेयर ?
जैसा कि आंकड़ो में बताया जा रहा हैं कि किस तरह पाकिस्तान की मार्केट कैपिटलाइजेशन अब सिर्फ 20 अरब डॉलर रह गई हैं। आपको बता दें की भारत के मशहूर बिजनेसमैन और दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अड़ानी की सिर्फ एक कंपनी ही इतना कैपिटलाइजेशन प्राप्त कर बैठी हैं। अड़ानी के नाम कुल 10 लिस्टेड कंपनियां हैं जिनमे से एक कंपनी ही ऐसी हैं जो खुद अकेली पाकिस्तान की पूरी शेयर मार्केट की जितना वैल्यूएशन लेकर बैठी हैं। अड़ानी की उस कंपनी की मार्केट वैल्यूएशन 20 अरब डॉलर हैं।
कैसे कर रहा हैं Pakistan Crisis देश को प्रभावित ?
पाकिस्तान की हालत वाकई में काफी बेकार होती नजर आ रही हैं। देश लगभग अपनी दिवाला निकलने वाली हालत में हैं। पाकिस्तान 3 अरब डॉलर के लोन की मदद के बाद भी शायद ही वह वापस से अपनी हालत को सुधार पाएगा। इतने कर्ज और समय समय पर आ रही मुश्किलों में उसका इस परेशानी से बाहर निकालना बहुत ही मुश्किल हैं। ऐसा नहीं कह सकते ही पाकिस्तान अब इस क्राइसिस से बाहर निकल ही नहीं पाएगा लेकिन यहां से निकलना वाकई में बहुत ज्यादा मुश्किल हो सकता हैं।
(यह खबर विधान न्यूज में इंटर्न कर रहीं कशिश नागर ने तैयार की है)
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