RBI Credit Score Guidelines: लोन लेना हो, नया क्रेडिट कार्ड चाहिए हो या पुराना कर्ज बंद करना हो, इन सब में सबसे अहम चीज होती है सिबिल स्कोर। यानी वह नंबर, जिससे बैंक यह तय करता है कि आपको लोन देना सुरक्षित है या नहीं।
और अगर स्कोर अच्छा है तो आपको कम ब्याज पर भी लोन मिल सकता है। अभी तक सिबिल या क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होता था। लेकिन अब RBI ने बड़ा फैसला लिया है। नया नियम कहता है कि अप्रैल 2026 से आपका सिबिल स्कोर हर हफ्ते अपडेट होगा। यानी EMI समय पर भरी और स्कोर बढ़ने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सिर्फ सात दिन में आपका नया स्कोर सामने होगा। RBI ने इसके लिए महीने में पांच तय तारीखें भी घोषित की हैं। 7, 14, 21, 28 और महीने की आखिरी तारीख। इन्हीं दिनों सिबिल कंपनियां पूरे महीने का अपडेट जारी करेंगी। अगर सिबिल कंपनी चाहे तो सप्ताह से पहले भी तीन या चार दिन में अपडेट दे सकती है।
हर हफ्ते अपडेट होगा सिबिल स्कोर (RBI Credit Score Guidelines)
अब बात आती है डेटा भेजने की। हर महीने की आखिरी तारीख तक का पूरा डेटा बैंक को अगले महीने की 3 तारीख तक सिबिल कंपनी को भेजना होगा। जैसे 31 अक्टूबर का डेटा 3 नवंबर तक भेजना जरूरी है। बाकी हफ्तों में सिर्फ नया या बदला हुआ डेटा भेजना होगा। इसे कहा जाता है इंक्रीमेंटल डेटा। इसमें नया लोन, बंद हुआ अकाउंट, EMI जमा हुई, एड्रेस बदला, या लोन स्टेटस बदला… सब शामिल होगा। इस डेटा को सिर्फ दो दिन में भेजना जरूरी है। मतलब 7 तारीख का डेटा 9 तक और 14 तारीख का डेटा 16 तक बैंक को भेजना ही होगा। और अगर बैंक डेटा समय पर नहीं भेजता? तो सिबिल कंपनी हर छह महीने में उस बैंक की शिकायत RBI के DAKSH पोर्टल पर दर्ज करेगी। यानी पहली बार सिबिल स्कोर को लेकर बैंक पर भी निगरानी रखी जाएगी।
अब सबसे जरूरी सवाल… आपको क्या फायदा होगा? सबसे पहला फायदा यह कि EMI समय पर चुकाते ही स्कोर सिर्फ मंगलवार-शुक्रवार की तरह नहीं, बल्कि हर सात दिन में बढ़ जाएगा। पुराना लोन बंद किया तो उसका फायदा भी तुरंत मिल जाएगा। पहले यह 15 से 30 दिन तक अटका रहता था। गलत एंट्री थी तो सुधरते ही स्कोर सही हो जाएगा। नया लोन लेना आसान होगा, रिजेक्शन का डर कम होगा। और अगर कोई कार्ड चोरी हो गया या आपके नाम पर धोखाधड़ी की एंट्री हो गई, तो उसका असर भी जल्दी हट जाएगा।
बैंक और NBFC को भी इसका फायदा है। उन्हें जल्द पता चल जाएगा कि कस्टमर ने कहीं और लोन लिया है या डिफॉल्ट किया है। इससे रिस्क कम होगा और लोन देने का फैसला भी सही तरीके से हो सकेगा। कुल मिलाकर लोन प्रोसेसिंग पहले से तेज और स्मार्ट हो जाएगी। RBI ने इसे अभी ड्राफ्ट के रूप में जारी किया है। बैंकों, NBFC और क्रेडिट ब्यूरो से सुझाव मांगे गए हैं। उम्मीद यही है कि यह नया सिस्टम अप्रैल 2026 से लागू हो जाएगा।
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