Germany Jobs: यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी ने विदेशी कामगारों की कमी को पूरा करने के लिए भारतीय टेक प्रोफेशनल्स, खासकर इंजीनियरों को आकर्षित करने के उद्देश्य से ब्लू कार्ड पॉलिसी में बड़े बदलाव किए हैं। नई पॉलिसी के तहत जर्मनी ने वीजा प्रक्रिया को सरल और न्यूनतम वेतन सीमा को कम किया है, जिससे भारतीयों के लिए अवसर और भी बढ़ गए हैं। यह नई पॉलिसी साल 2025 से लागू होगी, जिससे भारतीय स्किल्ड वर्कर्स को काफी फायदा मिलने की संभावना है।
क्या है ईयू ब्लू कार्ड?
ईयू ब्लू कार्ड यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों में उच्च-स्किल्ड विदेशी कामगारों को काम करने और रहने का परमिट प्रदान करता है। यह कार्ड अमेरिका के ग्रीन कार्ड जैसा है, लेकिन इसका उपयोग 27 में से 25 यूरोपीय देशों में किया जा सकता है। ब्लू कार्ड एक बार में चार साल के लिए वैध होता है और इसके बाद इसे रिन्यू कराना होता है। इसके जरिए प्रोफेशनल्स को यूरोप में नागरिकता प्राप्त करने का मौका भी मिल सकता है।
जर्मनी की ब्लू कार्ड पॉलिसी में अहम बदलाव
नई पॉलिसी भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए कई तरीकों से लाभदायक है
1. न्यूनतम वेतन सीमा में कमी
अब ब्लू कार्ड के लिए सालाना न्यूनतम वेतन सीमा को घटाकर 45,300 यूरो कर दिया गया है, जो जर्मनी के औसत वेतन का लगभग 1.5 गुना है। आईटी, स्वास्थ्य सेवा और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम वेतन 41,041.80 यूरो रखा गया है, जिससे भारतीयों के लिए ब्लू कार्ड प्राप्त करना सरल हो गया है।
2. नई प्रोफेशन लिस्ट में वृद्धि
जर्मनी ने अपनी प्रोफेशनल लिस्ट में आईटी, स्वास्थ्य सेवा और इंजीनियरिंग समेत कई नए क्षेत्रों को शामिल किया है। इससे भारतीयों के लिए जर्मनी में जॉब पाने के अवसर और भी बढ़ गए हैं।
3. फ्रेशर ग्रेजुएट के लिए अवसर
यदि आपने पिछले तीन साल में ग्रेजुएशन पूरा किया है, तो आप 41,041.80 यूरो के न्यूनतम वेतन पर किसी भी क्षेत्र में ब्लू कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह फ्रेशर ग्रेजुएट भारतीय युवाओं के लिए विदेश में करियर शुरू करने का शानदार मौका है।
4. डिग्री के बिना स्किल्ड आईटी प्रोफेशनल्स के लिए मौका
नई पॉलिसी में जर्मनी ने डिग्री न होने पर भी अवसर दिया है। कम से कम तीन साल के वर्क एक्सपीरियंस वाले आईटी प्रोफेशनल्स को भी अब ब्लू कार्ड के लिए योग्य माना जाएगा। इससे स्किल्ड भारतीयों के लिए और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
5. आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना
जर्मनी ने ब्लू कार्ड की आवेदन प्रक्रिया को सरल कर दिया है, जिससे वीजा प्रोसेसिंग में तेजी आएगी और कागजी कार्रवाई कम होगी। इससे भारतीय प्रोफेशनल्स का जर्मनी में ट्रांजिशन आसान बनेगा और वे अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे
जर्मनी क्यों आकर्षित कर रहा है विदेशी टेक टैलेंट?
यूरोप के अन्य देशों की तरह, जर्मनी भी स्किल्ड वर्किंग प्रोफेशनल्स की कमी का सामना कर रहा है। बढ़ती उम्र वाली जनसंख्या और तेज तकनीकी प्रगति के चलते जर्मनी में कुशल कामगारों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस गैप को भरने के लिए जर्मनी अब भारत सहित कई देशों से टैलेंट को आकर्षित कर रहा है, जिससे जर्मनी के जॉब मार्केट को आवश्यक प्रोफेशनल्स मिल सकें।
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