UPS Rule: OPS, NPS और UPS में बेहतर कौन, यहां दूर करें कंफ्यूजन ?

UPS Rule: केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कर्चारियों के लिए 24 अगस्त को नया पेंशन स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऐलान कर दिया। यह पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगी। कई राज्य सरकारों ने भी इसे लागू करने की कवायद तेज कर दी है।

UPS Rule: ओल्ड पेंशन स्कीन की वापसी की मांग के बीच केंद्र सरकार 24 अगस्त को देर रात अचानक से एक नई पेंशन स्कीम ना सिर्फ पेश कर दी बल्कि इसे अपनी हरी झंडी भी दे दी। सरकार ने इसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का नाम दिया है। सरकार का दावा है कि यह पहले से चल रही ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) से काफी अलग है। केंद्र सरकार ने इसे एश्योर्ड पेंशन स्कीम बता रही है।

सरकार का दावा है कि इस नए पेंशन स्कीम यूपीएस के जरिए सरकार ने कर्मचारियों के लगभग सभी मांगों को समाहित करने की कोशिश की है। इससे पेंशन स्कीम से सरकार को उम्मीद है कि ओपीएस (OPS) को लेकर आवाज उठा रहे लाखों कर्मचारी की मांगें पूरी हो गई है। दरअसल यूपीएस के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को फिक्स पेंशन दी जाएगी। यह फायदा एनपीएस में नहीं है जिसके चलते ही इसे लेकर लंबे वक्त से विरोध होता रहा है।

सबकुछ ठीक रहा तो  ये स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएगा। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को एक फिक्स पेंशन दी जाएगी, जो रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीने के औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगा। हालांकि इसके लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक नौकरी करनी होगी। यूपीएस में नौकरी की अवधि कम होने पर उसी अनुपात पेंशन का प्रावधान भी किया गया है।

यानी नौकरी की अवधि कम होगी तो रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा भी उसी अनुपात में कम होता जाएगा। लेकिन पेंशन पाने के लिए कम से कम दस साल की नौकरी अनिवार्य होगा। एक अनुमान के मुताबिक इस स्कीम के लागू होने से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। क्योंकि सरकार या कर्मचारी का योगदान NPS के 14 प्रतिशत से बढ़ाकर UPS में 18.5 फीसदी कर दिया गया है।

इस स्कीम के तहत, जिन लोगों ने 1 जनवरी 2024 के बाद नौकरी ज्वाइन की है उन्हें इस स्कीम सीधा का फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं जो कर्मचारी अभी  NPS का फायदा उठा रहे हैं वो भी UPS को चुन सकते हैं, लेकिन अगर एक बार किसी कर्मचारी ने यूपीएस के तहत लाभ लेने का फैसला कर लिया, तो वह एनपीएस में फिर से नहीं लौट पाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने तो यूपीएस को तो अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू भी कर दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत अन्य बीजेपी शासित राज्यों में इसे जल्द से जल्द लागू करने की कोशिशें तेज हो गई है।

एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े लगभग सभी मांगों को मान लिया गया है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। हालांकि इस पेंशन स्कीम के विरोध के स्वर भी लेकर उठने लगे हैं। कई कर्मचारी संगठनों के साथ-साथ विपक्ष भी यूपीए को एनपीएस के भी बदतर बता रहा है।

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