आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन शिक्षा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। खासकर COVID-19 महामारी के बाद, यह एक ख़ास शिक्षा का माध्यम बन गया है। ऑनलाइन शिक्षा के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। आइए, हम ऑनलाइन शिक्षा के फायदों और नुकसानों पर एक नजर डालते हैं।
फायदे
1. सुविधा और लचीलापन:
ऑनलाइन शिक्षा की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है। छात्रों को क्लासरूम में उपस्थित होने की जरूरत नहीं होती। वे अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय पढ़ाई कर सकते हैं।
2. वैरिएबिलिटी और अवेलेबिलिटी :
ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म्स पर अलग अलग प्रकार के कोर्स और विषय उपलब्ध होते हैं। छात्र अपने रुचि और जरूरत के अनुसार किसी भी कोर्स का चयन कर सकते हैं। यहां तक कि वे दुनिया के किसी भी कोने से बेस्ट शिक्षकों से पढ़ाई कर सकते हैं।
3. लागत में कमी:
ये ऑफलाइन शिक्षा की तुलना में कम खर्चीली होती है। छात्रों को यात्रा, किताबों और अन्य आवश्यकताओं पर खर्च नहीं करना पड़ता। इसके अलावा, कई ऑनलाइन कोर्स मुफ्त या कम शुल्क में उपलब्ध होते हैं।
4. समय की बचत:
ऑनलाइन शिक्षा में यात्रा का समय बचता है। छात्रों को स्कूल या कॉलेज जाने के लिए समय नहीं निकालना पड़ता। वे उस समय का उपयोग पढ़ाई या किसी और एक्टिविटी में कर सकते हैं।
5. आत्मनिर्भरता और अनुशासन:
ये छात्रों को आत्मनिर्भर और अनुशासित बनाती है। उन्हें खुद ही अपनी पढ़ाई की योजना बनानी होती है और समय पर पूरा करना होता है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
नुकसान
1. फिजिकल संपर्क की कमी:
ऑनलाइन शिक्षा में शिक्षक और छात्र के बीच सीधा संपर्क नहीं होता। इससे छात्रों को कभी-कभी हार्ड सब्जेक्ट्स को समझने में परेशानी होती है। फिजिकल मार्गदर्शन की कमी से उनकी सीखने का प्रोसेस धीमा हो सकता है।
2. ध्यान भटकने का खतरा:
घर पर पढ़ाई करते समय ध्यान भटकने का खतरा अधिक होता है। मोबाइल, टीवी, सोशल मीडिया आदि के चलते छात्र आसानी से विचलित हो सकते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ता है।
3. तकनीकी समस्याएं:
ऑनलाइन शिक्षा के लिए अच्छे इंटरनेट कनेक्शन और उचित तकनीकी उपकरणों की आवश्यकता होती है। हर छात्र के पास यह सुविधा नहीं होती, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। इसके अलावा, तकनीकी समस्याएं भी पढ़ाई में बाधा डाल सकती हैं।
4. स्वास्थ्य समस्याएं:
लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों, गर्दन और पीठ में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। छात्रों का शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।