MBBS : मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की हिंदी किताबों का वितरण किया। उन्होंने एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की एनाटमी, बायोकेमिस्ट्री और फिजियोलॉजी की किताबें बेटी खास बात ये कि इंग्लिश मीडियम के बच्चे भी हिंदी किताब ले रहे हैं।
देश में पहली बार एमपी में हिंदी में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की किताबें तैयार हो चुकी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते साल अक्टूबर में हिंदी में एमबीबीएस कोर्स का शुभारंभ किया थाअब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को एमबीबीएस फर्स्ट इंगर की हिंदी की किताबें बंटी गई हैं। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में हुए कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने छात्रों को एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री और फिजियोलॉजी की किताबें वितरित की आजी माध्यम से पड़ने वाले बच्चे भी हिंदी की किताबें ले रहे हैउनका कहना है मातृभाष में पढ़ने से इस विषय की समझ बेहतर होगी।
छात्रों को बांटी गई हिंदी किताबें
देश कोई शिक्षा नीति आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तकनीकी पढ़ाई में मातृभाषा पर जोर देते आए हैं. इसी कड़ी में एमपी में हिंदी में एमबीपीएस की पहल की गई हैइस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि फर्स्ट ईयर की तीनों विषयों की किताबों का ट्रांसलेशन कर बाट दिया गया है. यह पीएम का सपना था और गृह मंत्री ने इनकी लॉन्चिंग कराई थीअगले 2 महीने में पूरे कोर्स की किताबें ट्रांसलेट हो जाएंगी
इंग्लिश मीडियम के छात्र भी ले रहे किताबें
एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा नेहा पटेल ने कहा कि मैं इंग्लिश मीडियम से हूँ, लेकिन अगर कुछ समझ में नहीं आया तो अब हिंदी बुक से भी पड़ सकती वहीं छात्र तनिश देव सिंह ने कहा अब इन किताबों के हिंदी में आने से हमें अच्छा लग रहा है ज्योकि हमारे हिंदी मीडियन के दोस्तों को काफी परेशानी हो रही थी। अब इन किताबों के जरिए हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के छात्र बराबर होंगे साथ ही अच्छे से एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे
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