UPSC Exam Eligibility: यूपीएससी की देनी है परीक्षा तो इतनी होनी चाहिए उम्र और इतने ही मिलेंगे ‘Attempt’

UPSC Exam Eligibility: आईएएस या आईपीएस बनने का सपना देख रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की है। यहां आपको बताएंगे कि किस उम्र तक और कितने अटेम्पट आप ले सकते हैं।

UPSC Exam Eligibility: भारत में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा का बहुत महत्व है। इस परीक्षा के माध्यम से अलग-अलग पदों के लिए अधिकारियों का चयन होता है। इससे लिए अभ्यर्थी दिन-रात मेहनत करते हैं और एक्जाम को क्रेक करते हैं

UPSC CSE की परीक्षा

UPSC की परीक्षा के माध्यम से IAS, IPS, IFS आदि प्रमुख पदों पर अभ्यर्थियों का चयन होता है। इस परीक्षा का युवाओं में इतना क्रेज है कि ज्यादातर लोग यूपीएसी क्रैक करना चाहते हैं। बड़े पदों पर चयन होकर अभ्यर्थी देश की सेवा करते हैं।

कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि देश के कठिनतम परीक्षा UPSC CSE में उम्र सीमा कितनी होती और अधिकतम कितनी बार इसके लिए मौका मिलेगा? आइए जानते हैं इसके बारे में।

UPSC परीक्षा के लिए उम्र सीमा

जनरल और EWS कैटेगरी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 32 साल, डिसेबल्ड डिफेंस सर्विस पर्सनल और ओबीसी के लिए 35 साल, एक्स सर्विस मैन और SC/ST के लिए 37 साल है और PwBD कैटेगरी के लिए 42 साल है और ये इसकी अधिकतम उम्र होती है।

कितनी बार दे सकते हैं परीक्षा?

अगर आप जनरल और EWS कैटेगरी के लोग 6 बार और अन्य लोग 9 बार परीक्षा दे सकते हैं। SC/ST कैटेगरी के कैंडिडेट अपनी आयु सीमा तक असीमित परीक्षा दे सकते हैं। और

1854 में अवधारणा

यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक, लॉर्ड मैकाले की रिपोर्ट के बाद भारत में योग्यता आधारित आधुनिक सिविल सेवा की अवधारणा 1854 में शुरू की गई।

सिविल सेवकों को भर्ती करने के लिए साल 1854 में लंदन में सिविल सेवा आयोग की स्थापना की गई और 1855 से प्रतियोगी परीक्षाओं की शुरुआत हुई। उस समय भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा देने के लिए भारतीयों को लंदन जाना पड़ता था। एग्जाम के लिए अधिकतम उम्र 23 वर्ष और न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई थी।

इस परीक्षा के लिए सिलेबस इस तरह डिजाइन किया गया था कि भारतीयों को एग्जाम पास करने में काफी मुश्किल होती थी। इसके बावजूद सत्येन्द्रनाथ टैगोर 1864 में इस परीक्षा को क्रैक करने वाले पहले भारतीय बने।

कई सालों तक भारतीय सिविल सेवा परीक्षा लंदन में ही आयोजित की जाती रही। इसके बाद साल 1922 में पहली बार इस परीक्षा का आयोजन भारत में किया गया। भारत में यूपीएससी की वेबसाइट के मुताबिक, 1922 से भारतीय सिविल सेवा परीक्षा भारत में भी आयोजित की जाने लगी।

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