
Dharmendra Death: भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता धर्मेंद्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका जाना सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों के लिए भी एक बड़ा दुख है। सोमवार को ही उनकी आने वाली फिल्म ‘इक़्कीस’ का मोशन पोस्टर रिलीज हुआ था, और अब यह खबर उनके फैंस के लिए और भी हृदयविदारक बन गई है।
धर्मेंद्र पिछले कुछ समय से सांस लेने की समस्या से जूझ रहे थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत नाजुक होने के कारण उन्हें ICU में रखा गया था, लेकिन उम्र और बीमारी के आगे उनकी जिंदगी की लड़ाई खत्म हो गई। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है।
परिवार और करीबी शोक में (Dharmendra Death)
धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी, बेटी ईशा देओल, और परिवार के अन्य सदस्य अंतिम विदाई के लिए पवनहंस श्मशान घाट पर मौजूद थे। अमिताभ बच्चन भी अपने करीबी मित्र को अंतिम सलाम देने पहुंचे। दुख की बात यह है कि धर्मेंद्र ने अपना 90वां जन्मदिन मनाने से केवल कुछ सप्ताह पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
अस्पताल में भर्ती और स्वास्थ्य
धर्मेंद्र को 10 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआती खबरों के अनुसार, उन्हें सांस लेने में दिक्कत के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि यह एक रूटीन चेकअप था, जिसे उन्होंने अस्पताल में रहकर पूरा किया ताकि बार‑बार यात्रा करने की आवश्यकता न पड़े।
उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल इस समय अपनी फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त थे, लेकिन पिता की सेहत पर लगातार नजर रख रहे थे।
जीवन और करियर की झलक
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को लुधियाना, पंजाब के नसराली गांव में हुआ था। उनका असली नाम केवल कृष्ण देओल था। उन्होंने अपने शुरुआती जीवन साहनेवाल और लालटन कलां के सरकारी स्कूल में बिताया, जहां उनके पिता प्रिंसिपल थे।
19 साल की उम्र में उन्होंने प्रकाश कौर से शादी की, और उनके दो बेटे (सनी और बॉबी) और दो बेटियां (विजेता और अजीता) हुईं। फिल्मों में कदम रखने के बाद उनकी जिंदगी में हेमा मालिनी आईं, जिनसे उन्होंने शादी की और दो बेटियां (ईशा और अहाना) हुईं।
धर्मेंद्र ने 1960 में ‘दिल भी तेरा, हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। उन्हें दर्शकों के बीच पहचान 1966 में आई ‘फूल और पत्थर’ से मिली। उनके करियर की यादगार फिल्मों में ‘शोले’, ‘सीता और गीता’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘यादों की बारात’, ‘धर्मवीर’, ‘हुकूमत’ और ‘चुपके चुपके’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
उपलब्धियां और विरासत
धर्मेंद्र ने अपने छह दशकों से अधिक लंबे करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्हें बॉलीवुड का ‘ही‑मैन’ कहा जाता था। 1987 में उन्होंने केवल एक साल में सात हिट फिल्में दीं और नौ सफल फिल्में देकर रिकॉर्ड बनाया।
1990 के दशक के बाद भी उन्होंने ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘यमला पगला दीवाना’, ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय किया। धर्मेंद्र भले ही अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी फिल्में, उनके किस्से और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।