Shweta Mehta : कहते हैँ जीवन यात्रा का अंत मौत नहीं है। यह तो परिवर्तन है जिससे हर इंसान गुजरता है। इस सफर पर कुछ अच्छे तो कुछ बहुत बुरे दौर आते हैं। कभी कभी ऐसी घटनाएं होती हैं जो बुरी तरह तोड़ देती हैं। शारीरिक टूट फूट अपनी जगह है पर मन का टूटना यानी मौत के करीब पहुंच जाना। कुछ लोग साहसी होते हैँ वे इस टूटन के आगे हार नहीं मानते इसके बाद शुरू होता है वह सफर जो श्वेता मेहता ने शुरू किया है। कई उतार चढ़ाव को पार करने के बाद श्वेता एक तेलुगु फिल्म की लीड हीरोइन बनकर अपने प्रशंसकों को चौंकाने दोबारा वापसी के लिए तैयार हैं। श्वेता मेहता की बतौर लीड अभिनेत्री पहली फिल्म ‘अजय गाडु’ ओटीटी जी5 पर रिलीज हो चुकी है। अपनी वापसी के एहसास को श्वेता बस एक पंक्ति में बता देती हैं, ‘ये मुश्किल बहुत था, लेकिन मैंने ठान लिया था कि ये नामुमकिन नहीं है।’
हादसे तोड़ न सके हौसले
हरियाणा की इस खूबसूरत स्मॉल टाउन गर्ल का अतीत उनके व्यक्तित्व के अनुसार बेहद शानदार रहा है। आत्मविश्वास से भरपूर श्वेता ने अपने न टूटने वाले हौसला और हर हाल में आगे बढ़ने के जुनून के कारण ही एमटीवी रोडीज राइजिंग की विजेता (MTV Roadies) बनीं। वह वर्ष 2019 में आयोजकों की एक कथित लापरवाही के कारण एक दुर्घटना का शिकार हो गयीं थीं। इसके बाद वह महीनों मरणासन्न स्थिति में रहीं। ऐसा लगा अब बस वापस उठना कुछ नया सफर कठिन है। जीवन रुक गया क्योंकि पैर चल नहीं रहे न मन। पर यही मन अधिक समय तक निराशा में न रह सका। उनमें भरे सकारात्मक विचारों ने उन्हें हौसला दिया। नियमित अभ्यास और ध्यान के साथ श्वेता मेहता ने तदबीर से तकदीर की लकीरों को बदल दिया।
साथ और दुआ काम आया
महीनों श्वेता ने बिस्तर पर गुजारे लेकिन नियति को उन्होंने अपनी मजबूत नीयत से ठीक करने की ठानी। श्वेता बताती हैं, ‘एक लंबा समय बीता जब बिस्तर पर रही। इसके बाद कुछ समय लिखने पढ़ने में बीत गया। कुछ ऐसा भी हुआ जिन्होंने निराशा के दौर में और निराश कर गया। हताशा हाथ लगी पर मैंने अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिशें शुरू कीं और इसमें मुझे मेरे शुभचिंतकों का और परिवार का साथ मिला।’ कहते हैं हर हाल में स्वयं को संभाल लेने का ऐसा जज्बा ही आपको मुश्किलों से निकालकर कुछ नया करने की ताकत दे सकता है। श्वेता की कहानी यह साबित करती है।
मिला फिल्म में मौका
फिल्म ‘अजय गाडु’ में मौका मिलना भी श्वेता मेहता के लिए काफी दिलचस्प रहा। वह बताती हैं, ‘मैं साउथ सिनेमा की तरफ तो उस समय बिल्कुल ध्यान ही नहीं दे रही थी। एक दिन मैं ऐसे ही अपने प्रशंसकों से फेसबुक पर मुखातिब थी और वहीं फेसबुक से मुझे पता चला कि फिल्म ‘अजय गाडु’ (Ajay Gadu Movie Ott) के निर्माता, निर्देशक किसी ऐसी अभिनेत्री को तलाश रहे हैं जिसकी शख्सियत बहुत दमदार हो। उन्हें एक स्वैग वाली युवती चाहिए थी और मेरे शरीर पर बने टैटू व मेरी कद काठी ने इसमें मेरी मदद की। मैंने ऑडिशन दिया। उन्हें मेरा आत्मविश्वास भाया और मुझे ये फिल्म मिल गई।
एक डॉक्टर की भूमिका
’ओटीटी जी5 पर बीते शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘अजय गाडु’ (Ajay Gadu Movie Ott) में श्वेता ने एक ऐसे डॉक्टर की भूमिका निभाई हो जो खुद नशे की गिरफ्त में है। उसकी मुलाकात एक संघर्षशील लेखक से होती है। दोनों की मुलाकात से एक कहानी बनती है और डॉक्टर को पता भी नहीं होता कि उसके मरीज ने ये कहानी लिख डाली है। इस किरदार की तैयारी का जिक्र चलने पर श्वेता कहती हैं, ‘मैं असल जिंदगी में सिगरेट नहीं पीती तो इस फिल्म के लिए ऐसे दृश्यों की शूटिंग करना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। मैं ऐसा करते हुए बीमार भी पड़ी लेकिन मुझे लगता है कि किरदार को कैमरे में सही तरीके से कैद करने के लिए वह जरूरी था।’
चुनौतियों से जूझने की आदत
श्वेता ने अपनी इस फिल्म के लिए बाकायदा तेलुगु सीखी है। वह कहती हैं, ‘मैं चाहती तो ऐसा नहीं भी कर सकती थी लेकिन मैंने ये भाषा इसलिए सीखी ताकि अभिनय करते हुए चेहरे पर मेरे भाव बिल्कुल सही तरीके से आएं। चुनौतियों से जूझना मेरी आदत बन चुकी है। कैमरे के सामने फिर से वापसी करना बहुत मुश्किल था, लेकिन मैंने खुद से बार बार ये कहा कि ये नामुमकिन नहीं है। मैं लगातार सीखते रहने वाली इंसान हूं और नए हुनर व नई भाषाएं सीखना मुझे अच्छा लगता है। ‘फिल्म ‘अजय गाडु’ (Ajay Gadu Movie Ott) एक रोमांटिक फिल्म है जिसमें श्वेता ने मुख्य अभिनेत्री का किरदार निभाया है। इस फिल्म में उनके साथ अभिनेता अजय कुमार और अभिनेत्री भानुश्री भी हैं।
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