Tips To Choose Pani Ka Matka : मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। साथ ही इसमें रखा पानी भी गर्मी में ठंडा रहता है। लेकिन इसके लिए सही जल स्तर का चुनाव करना जरूरी है।
गर्मियों में हांडा या कलशी जैसे बर्तनों में रखा पानी अपने आप गर्म हो जाता है। ऐसे में जब प्यास बहुत लगती है तो इस पानी से प्यास बुझाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब घरों में रेफ्रिजरेटर आने के बाद से यह समस्या लगभग खत्म हो गई है। लेकिन पहले जब ज्यादा सुविधाएं नहीं होती थीं या फ्रिज हर जगह नहीं होते थे, तब घरों में मिट्टी के बर्तनों या बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता था। जिसे हम देसी फ्रिज भी कह सकते हैं। आज भी कई घरों में ऐसे देखने को मिलते हैं जहां पानी को ठंडा करने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके पीछे फ्रिज के पानी से सेहत बिगड़ना मुख्य कारण माना जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी गर्मी में फ्रिज की जगह मिट्टी के घड़े का पानी पीने की सलाह देते हैं। क्योंकि यह पानी वाकई में सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन कई लोगों की अक्सर यह शिकायत रहती है कि नए मिट्टी के घड़े लाने के बाद भी उनमें पानी ठंडा नहीं होता है। अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं मिट्टी के ट्रैप खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। (फोटो साभार :- Freepik, iStock, Pixabay)
केमिकल पॉलिश वाले बर्तन न लें
बाजार में इन दिनों मिट्टी के रंग-बिरंगे कई बर्तन मिलते हैं। जिन पर केमिकल पेंट से डिजाइन बनाई जाती है। मिट्टी के ये बर्तन देखने में तो बहुत खूबसूरत लगते हैं, लेकिन महंगे होने के साथ-साथ सेहत के लिए हानिकारक भी होते हैं। साथ ही इनमें रखा पानी जल्दी ठंडा नहीं होता है। तो बेहतर होगा कि आप पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करें!
बर्तन इस आकार का होना चाहिए
पानी के बर्तन का आकार बहुत छोटा नहीं होना चाहिए। ताकि आपको इसे बार-बार भरने की जरूरत न पड़े। छोटे बर्तन में बार-बार पानी भरने के कारण पानी को ठंडा होने में भी काफी समय लगता है। साथ ही मिट्टी का बर्तन खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उसका मुंह ज्यादा छोटा न हो। इससे पानी भरते समय परेशानी हो सकती है। बड़े मुंह वाले मध्यम आकार के बर्तन पानी को स्टोर करने के लिए अच्छे माने जाते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि घड़े का ढक्कन भी मिट्टी का ही बना होना चाहिए। इससे पानी जल्दी ठंडा हो जाता है।
नल वाले बर्तन उपयोगी होते हैं
मिट्टी के बर्तनों से पानी निकालना आसान होता है जिसमें नल लगे होते हैं। मिट्टी के बर्तन में पानी तभी जल्दी ठंडा होता है, जब वह बर्तन के ऊपर से पूरी तरह से पैक हो जाता है। यदि घड़े में नल न हो तो बार-बार ढक्कन खोलना पड़ता है और हाथ से पानी लेना पड़ता है, जिससे पानी ठंडा होने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए नल के बर्तन पानी को स्टोर करने के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं।
पानी को और ठंडा करने के लिए बर्तन को ऐसे ही रख दें
मिट्टी के घड़े में रखा पानी अपने आप ठंडा होता रहता है। लेकिन अगर आप इसे और ठंडा करना चाहते हैं तो बर्तन को रेत पर रख सकते हैं। इसके लिए किचन के कोने में रेत की एक मोटी परत बिछा दें और उस पर एक कटोरी पानी रखें और फर्क देखें। इसके अलावा, मटके के चारों ओर टाट लपेटने से भी पानी अधिक ठंडा होता है। इन दोनों विधियों में मटके के पानी पर बाहरी ताप का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
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