
Covishield Vaccine: साल 2020 में कोरोनावायरस का भयंकर प्रकोप आया था. कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाया गया. ऑक्सफोर्ड के एस्ट्राजेनेका कंपनी और सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के द्वारा इसका निर्माण किया गया था. इस वैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी ने माना है कि इस वैक्सीन को लगाने पर TTS सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी हो रही है.TTS यानी की थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम, जिसके वजह से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और पीड़ित व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल के नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कॉविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉक्टर जयदेव ने कहा कि ” इस वैक्सीन को लगाने के कुछ दिनों के बाद TTS सिंड्रोम जैसे दुर्लभ बीमारी सामने आई है लेकिन यह बीमारी ज्यादा लोगों को नहीं हो रही है. बता दे की कंपनी ने अदालत के सामने इस बात को स्वीकार है कि इस वैक्सीन को लगाने वालों को यह गंभीर बीमारी हो सकती है.
TTS सिंड्रोम में जमने लगते हैं खून के थक्के(Covishield Vaccine)
TTS सिंड्रोम बीमारी में खून के थक्के जमने लगता हैं और यह एक प्रकार का सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रांबोसिस है जो कि दिमाग में खून के थक्के को जमा देता है. इसके वजह से प्लेटलेट्स काउंट करने में कमी आने लगती है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्तस्राव की समस्या हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह एक गंभीर बीमारी है जो की कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले लोगों में पाई गई है. यह बीमारी अधिकतर युवा युवतियों में और 60 साल से कम उम्र की महिलाओं में पाया जा रहा है.
TTS सिंड्रोम बीमारी के कारण
TTS syndrome के बारे में सटीक जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि जब कोविशील्ड वैक्सीन शरीर में जाता है तो कोरोनावायरस की सरफेस पर पाए जाने वाले स्पीक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए इम्यून रिस्पांस को ट्रिगर करने लगता है. कुछ लोगों में यह इम्यून रिस्पांस ज्यादा सक्रिय हो जाता है जिससे खून के थक्के बन जाते हैं.इसके बाद हार्ट अटैक आ जाता है.
TTS सिंड्रोम बीमारी के लक्षण
- लगातार और गंभीर सर दर्द
- धुंधला दिखाई देना
- सांस लेने में परेशानी होना
- सीने में दर्द उठना
- पेट में दर्द होना
- इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन हो जाना और हाथ पैर में कमजोरी आना
- दौरा पड़ना.
कई बार यह बीमारी काफी गंभीर हो जाती है और खून के थक्कों को हटाने के लिए सर्जरी तक की जरूरत पड़ जाती है. इस बीमारी में खून काफी पतला हो जाता है जिसके वजह से हार्ट अटैक आ जाता है और लोगों के साथ परेशानियां खड़ी हो जाती है. इसके वजह से जान तक चली जाती है.
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