21वीं सदी का सुपरफूड ,पोषक तत्वों और औषधीय गुणों का है भंडार

दिल्ली-आधुनिक आहार की दुनिया में, ड्रैगन फ्रूट ने अपनी खास पहचान बना ली है और इसे 21वीं सदी का सुपरफूड माना जा रहा है। इस फल की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे इसके अनूठे पोषक तत्व और अद्वितीय औषधीय गुण हैं। आज हम जानेंगे कि ड्रैगन फ्रूट हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है और इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।

ड्रैगन फ्रूट: एक सुपरफूड की पहचान

ड्रैगन फ्रूट, जिसे पिटायाया भी कहा जाता है, कैक्टस परिवार का एक अनोखा फल है। इसकी उत्पत्ति सेंट्रल और साउथ अमेरिका से हुई है, और अब यह फल एशिया, विशेषकर मलेशिया, वियतनाम, थाईलैंड और इज़राइल में बहुतायत में उगाया जा रहा है। भारत में भी इस फल की खेती धीरे-धीरे बढ़ रही है। ड्रैगन फ्रूट की बाहरी त्वचा चमकदार गुलाबी, लाल या पीली होती है, और इसका गूदा सफेद या लाल रंग का होता है, जिसमें काले बीज मिलते हैं।

पोषक तत्वों का खजाना

ड्रैगन फ्रूट के पोषक तत्व इसे एक स्वस्थ और संपूर्ण आहार का हिस्सा बनाते हैं। डॉ.  के अनुसार, 100 ग्राम ड्रैगन फ्रूट में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:

विटामिन C: 9 मिलीग्राम
विटामिन B3 (नियासिन): 0.43 मिलीग्राम
विटामिन B2 (राइबोफ्लाविन): 0.045 मिलीग्राम
आयरन: 0.65 मिलीग्राम
फास्फोरस: 36.1 मिलीग्राम
कैल्शियम: 8.8 मिलीग्राम
इन पोषक तत्वों के साथ-साथ ड्रैगन फ्रूट में प्रचुर मात्रा में फाइबर भी होता है, जो इसे एक आदर्श सुपरफूड बनाता है।

औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ

ड्रैगन फ्रूट का औषधीय महत्व इसके अद्वितीय गुणों में छिपा है। इसके प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

1-ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना: ड्रैगन फ्रूट में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करते हैं।

2-कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करना: यह फल हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है।

3-इम्युनिटी को बढ़ाना: विटामिन C और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण, ड्रैगन फ्रूट आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करता है।

4-मोटापे को कम करना: इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और वजन घटाने में सहायक होता है।

ड्रैगन फ्रूट का सेवन कैसे करें

ड्रैगन फ्रूट का सेवन बहुत आसान है। इसे छीलकर और अंदर के गूदे को खाया जाता है। सामान्यतः इसे 100 ग्राम की मात्रा में ही खाना उचित होता है, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया हो सकता है। इसे सलाद, स्मूदी या सीधे फल के रूप में खाया जा सकता है।

 

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