Hand Transplant : हादसों से भरी इस दुनिया में कभी हाथ गंवा दिया तो चारों तरफ भर जाता है अंधियारा। पर यदि किसी निकट परिजन के साथ ऐसा हादसा हो जाए तो आप उन्हें बता सकते हैं कि भयभीत न हों। आशा बनाए रखें। दरअसल, अब भारत में आसानी से लोग करा सकते हैं हाथ प्रत्यारोपण। जिनके हाथ किसी कारणवश काटने पड़ जाएं उनके लिए तो यह किसी ईश्वरीय वरदान से कम नहीं। पर विशेषज्ञों की मानें तो यह प्रक्रिया लंबी होती है। धैर्य रखना इसमें सबसे बड़ी चुनौती है।
पहले जैसा हाथ संभव?
आपके मन में यह सहज सवाल आएगा कि हाथ प्रत्यारोपण के बाद क्या होगा, क्या आपको पहले की तरह हाथ मिल जाएगा, वही अपना पुराना मिल सकता है। ऐसे सवाल का उठना स्वाभाविक है। पर बता दें कि हाथ प्रत्यारोपण के बाद आपको अपने हाथ की सनसनी और कार्य को पुनः प्राप्त करने में मदद करेगा। पर इसकी गारंटी नहीं है। हाथ प्रत्यारोपण आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। लेकिन आपको आजीवन इलाज के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा यह समझना है। दरअसल, बार-बार चिकित्सा जांच, विशेष तरह की दवाएं आपको हाथ प्रत्यारोपण के बाद निरंतर लेना पड़ सकता है।
एक चरणबद्ध प्रक्रिया
भारत में पहला हाथ प्रत्यारोपण कोच्चि, केरल में किया गया था। भारत में अब यह गुरुग्राम के मेदांता में भी हो रहा है। हालांकि अभी यहां नई सुविधाएं आई हैंं।आप उचित परामर्श लेकर यहां आ सकते हैं। बता दें कि यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ना होता है। साथ ही समय पर डोनर यानी जिनसे आपको हाथ मिलना है उनका मिलना एक चुनौती है। साथ ही जो हाथ प्रत्यारोपण कराने वाले हैं क्या वे भी पूरी तरह से तैयार हो पाएंगे, यह भी अक्सर चुनौती की तरह ही देखने को मिलता है। दरअसल, वे इसकी लंबी प्रक्रिया से पहले ही डर जाते हैं और हाथ प्रत्यारोपण से इंकार कर देते हैं। पर जरा सोचें जब अपना अंग वापस मिल जाए तो उस खुशी का अहसास क्या होगा।
प्रक्रिया से पहले
यदि मरीज हाथ प्रत्यारोपण के लिए तैयार हो जाता है तो उसे पूरी जानकारी दी जाती है। सर्जरी से पहले, डॉक्टर सर्जरी कुछ इस तरह की कार्यवाही करते हैं और आगे बढ़ते हैं।
- हाथ के एक्स-रे, रक्त परीक्षण और अन्य परीक्षणों सहित दूसरे परीक्षण ताकि वे आश्वस्त हो जाएं कि आप सर्जरी कराने के लिए फिट हैं।
- मरीज का मानसिक और भावनात्मक मूल्यांकन भी किया जाता है ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी न आए।
- यदि मरीीज धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं तो इन आदतों के बारे में बताना चाहिए।
- डॉक्टर पुरानी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करेंगे। जैसे, आपको किडनी की समस्या, मधुमेह, हृदय रोग, संक्रमण और अनुपचारित कैंसर सहित कोई भी मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति नहीं होनी चाहिए।
कितना समय लगता है
हाथ प्रत्यारोपण संंबंधी सर्जरी में अमूमन 18 से 24 घंटे लगते हैं। यह पूरा ऑपरेशन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम करती हैै।सर्जन रक्त वाहिकाओं, नसों को जोड़ने के लिए विशेष टांके (टांके) का उपयोग करते हैं। टांके लगाने के लिए ट्रांसप्लांट सर्जन एक विशेष ऑपरेटिंग रूम में माइक्रोस्कोप का उपयोग करते हैं। यह बेहद थकाऊ काम होता है पर सफल सर्जरी डॉक्टरों के लिए बड़ी राहत देने वाली होती है।
इन बातों को जानना जरूरी
- इसमें जिनका ब्रेन-डेड होता है या जिनकी जीने की उम्मीद नहीं होती, उस रोगी के हाथ का दान किया जाता है। यह बता दें कि ऐसे मरीज के अंग सही तरीके से काम कर रहे होते हैं।
- मरीज युवा होता है तो उनका हाथ प्रत्यारोपण आदर्श माना जाता है। दरअसल, ऐसे मरीजों का गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने की उम्मीद होती है।
- यह ऑपरेशन डॉक्टरों की टीम करती है। इसमें आर्थोपेडिक सर्जन, नेफ्रोलॉजिस्ट से लेकर मनोचिकित्सक भी होते हैं।
- ऑपरेशन के बाद मरीज को अस्पताल में लंबा समय रहना होता है। मरीज को दवा भी लंबे समय तक खानी होती है। यह दवा प्रशांतक होती हैंं।ताकि हाथ प्रत्यारोपण का अहसास शरीर को न हो सके।
- इस ऑपरेशन में खर्च 14-15 लाख तक आ जाता है। हालांकि सब कुछ इलाज पर निर्भर करता है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करेंTwitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें