Homeopathy Medicine: आज सेहत केंद्रीय विषय है जिसपर सभी बातें करते हैं। बीमारी से कैसे लड़ना है इस बारे में जितनी बातें आज होती हैं, उतनी पहले कभी न हुई। कोविड के बाद इसमें और तेजी आयी तो गलत नहीं होगा। बीमारी से लड़ने में वैकल्पिक चिकित्सा की बात भी आज बहुत हो रही है। इसमें होमियोपैथी भी एक है। हालांकि एलौपैथी की स्वीकार्यता कम नहीं हुई है।
हम जल्द से जल्द छुटकारा पाने के लिए एलोपैथिक दवा का सहारा लेते हैं। पर कहना गलत न होगा कि बीमारी जड़ से खत्म नहीं होती है बल्कि थोड़े समय के लिए दब जाती है। आगे चलकर वह बीमारी एक खतरनाक रूप में आपके सामने भी फिर उभर आती है। ऐसे में हम होम्योपैथी पर विश्वास करें तो बेहतर।
कैसे है कारगर
होमियोपैथी (Homeopathy Medicine) पर विस्तृत जानकारी देते हुए कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने बताया कि होम्योपैथिक दवा किस तरह से असर करेगी यह पूरी तरह निर्भर करता है कि आपकी बीमारी क्या है, उसके लक्षण आपके शरीर पर किस तरह से दिखाई दे रहे हैं।
होम्योपैथी में पहले मरीज से उनके बीमारी के आरंभिक लक्षण जरूर पूछे जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, पूरे दिन में प्यास कितनी बार लगती है, कितना पसीना आ रहा है। दवा का असर जल्दी हो इसलिए फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी पूछा जाता है कि कहीं पहले भी यह बीमारी आपके घर में हो चुकी है या नहीं।
फैटी लिवर का निदान
होम्योपैथी (Homeopathy Medicine) के जरिए फैटी लिवर का इलाज करना संभव है। ब्लड टेस्ट या इमेजिंग से यह पता लगाया जाता है कि फैटी लिवर कितना बढ़ा हुआ है। फैटी लिवर के लिए लाइफस्टाइल और खानपान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन होम्योपैथी के पास भी ऐसी सटीक दवाएं जिससे फैटी लिवर की समस्याओं से राहत मिल जाती है।
साइटिका भी जाएगी
साइटिका में पीठ के निचले हिस्से से दर्द शुरू होता है वह साइटिक नस पर दबाव डालता है। इस तरह साइटिका का दर्द कहते हैं। इसमें दर्द अचानक से शुरू होता है और पीठ से होता हुआ टांग के बाहरी और सामने वाले हिस्से तक पहुंच जाता है। आप इसमें होमियोपैथी की मदद ले सकते हैं।
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माइग्रेन में राहत
माइग्रेन का दर्द काफी ज्यादा खतरनाक होता है। माइग्रेन का दर्द दिन में कई बार होता है। यह दर्द बहुत ही कष्टकारी होता है। इसे एक जेनेटिक बीमारी माना जाता है। माइग्रेन होने के कारण स्ट्रेस, हार्मोन, इन बैलेंस, शोर-शराबा, तेज गंध, परफ्यूम, नींद पूरी न होना, मौसम में बदलाव आदि हैं। एक बार होमियोपैथी का सहारा लेकर देखें अंतर महसूस होगा।
जोड़ों का दर्द
गठिया शरीर में जिस जगह दो हड्डियां मिलती है उसे ज्वाइंट कहते हैं। ज्वाइंट में दर्द कई कारणों से हो सकते हैं। लेकिन जिस ज्वाइंट पर हड्डियां टकराने लगे तो उस बीमारी को गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट भी कहते हैं। हड्डियों पर ज्यादा जोड़ पड़ने पर वो कमजोर होने लगते हैं। और यह बीमारी बढ़ने लगती है। होमियोपैथी (Homeopathy Medicine) में इसका इलाज है।
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पाइल्स में लाभ
पाइल्स (बवासीर), फिशर और फिस्टुला जैसी बीमारियों को होम्योपैथी के जरिए आसानी से ठीक किया जा सकता है।
एलोपैथी इलाज की अपेक्षा होम्योपैथिक से स्थायी इलाज मिलता है।
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