How to Be Yourself: जब कोई बात बिगड़ जाए, देना स्‍वयं का साथ, जानें कैसे

How to Be Yourself:  यह सच है कि खुद से बेहतर रिश्ता हो तो हर किसी से रिश्ता बेहतर हो सकता है। कैसे बनें अपना बेस्‍ट फ्रेंड?

How to Be Yourself:  क्‍या आप खुद की मुश्किलों को समझ सकते हैं और उन्‍हें दूर करने की पहल भी खूब करना जानते हैं तो यकीनन आप अपने आपको बेहतर समझते हैं। आप खुद के बेहतर दोस्‍त हैं। बता दें कि हर रिश्ते में दोस्ती केंद्रीय भाव है और यह मजबूत रहे तो चाहे बात कितनी ही बिगड़ जाए आप दोबारा उससे कनेक्‍ट हो सकते हैं। दरअसल, हर दोस्ती के लिए जरूरी है कि आप पहले खुद के साथ कंफर्ट (Mental Health Tips) महसूस करें।

हम सक्षम हैं, हो यह भरोसा

बेशक आपका सपोर्ट सिस्टम बेहतरीन हो सकता है। आपके इर्द-गिर्द बहुत से लोग हो सकते हैं जो मदद के लिए कभी भी आ सकते हैं पर कभी यह यदि नहीं हो सके तो? आप माने न माने कोरोना के दौर में आपने महसूस तो किया कि किस किस्म की मजबूरी थी लोगों में। हर किसी को शारीरिक दूरी का पालन करना था इसलिए मदद भी बड़ा सोच समझकर करते थे, ऐसे में क्‍या हुआ, हमने स्‍वयं की मदद (Mental Health Tips) खुद ही तो की थी। हम सक्षम हैं  (How to Be Yourself) स्‍वयं की मदद के लिए अपने दोस्‍त बनने के‍ लिए बस जरा सी यह बात समझने और पहल करने की है।

ऐसे बनें अपने अच्छे दोस्त (How to Be Yourself)

  • आपको किसी अच्‍छे दोस्त की तरह ही खुद से अच्छा बर्ताव करना है।
  • आलोचना या खुद को कोसना नहीं है। अपनी अच्छे गुणों, प्रतिभा और क्षमताओं को सराहें खुद को बताएं कि आप उसके साथ मजबूती से खड़े हैं।
  • अपनी जरूरतों का सम्मान करें जैसे, एक दिन की छुटटी में आप क्या करना चाहते हैं? जल्दी सोना चाहते हैं एक रात पूरा जगकर बस अपनी किताब पढऩी है, कोई फिल्म देखनी है या उस दिन बस सफाई करनी है, अपनी फेवरिट व्यंजन बनाना है। या खुद को सजाना और संवारना है, आइने में निहारना है। (Mental Health Tips) खुद से बातें (Self Talk) करनी है?
  • यदि आप नकारात्मक विचारों के साथ संघर्ष कर रहे हैं तो याद रखें यह आपकी च्वाइस है कि आप उसे ध्यान दें या छोड़ दें। आपसे मुश्किल हो रहा है तो मेडिटेशन आपकी मदद करेगा। आप इन विचारों से धीरे-धीरे पीछा छुड़ा पाएंगे पर यह आपकी प्रतिबद्धता और संकल्प शक्ति पर निर्भर करेगा।
  • आप उदास हैं और कोई कहे कि आपको उदासी छोड़कर काम पर लगना चाहिए तो आप क्या करते हैं? खुद पर दबाव बनाते हैं? यदि हां, तो -याद रखें, उदासी की एक्सपायरी डेट नहीं होती। यह समय पर अपने आप कम होती जाती है।
  • यहां हर किसी की सोच अलग है और उसी अनुसार सलाह देते हैं लोग। आप बस खुद को स्वीकारें और मन की बागडोर थामे रहें। आप ही केवल हैं जो खुद को बेहतर जान सकते हैं और बन सकते हैं अपने सबसे अच्‍छे दोस्‍त।

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