Mental Health: अध्ययन में यह साबित हुआ है कि जो बड़े और अधिक विविध प्रकार के सामाजिक संबंध रखने वाले लोग होते हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है साथ ही वह लंबी आयु भी जीते हैं। सामाजिक संबंध न केवल शारीरिक बल्कि, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी हैं। इस प्रकार के लोगों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य ऐसे लोगों की तुलना में काफी बेहतर रहता है जो कम रिश्ते रखते हैं।
कठिन समय में राहत
पिट्सबर्ग में कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय की एक शोध में यह बात सामने आई है। इसमें यह भी कहा गया है कि विशेष रूप से कठिन समय और विषम परिस्थितियों के दौरान सामाजिक समर्थन सुरक्षात्मक साबित हो सकता है। विगत तीन दशकों से भी अधिक समय से रिश्तों और स्वास्थ्य के बीच संबंधों का अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने इस बात को उजागर किया।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने करीब 200 से अधिक स्वस्थ स्वयंसेवकों को सामान्य सर्दी के वायरस की जानकारी दी और उन्हें एक सप्ताह तक एक नियंत्रित वातावरण में देखा। शोधकर्ताओं ने पाया कि जितने अधिक विविध लोगों के सोशल नेटवर्क और जितने अधिक प्रकार के कनेक्शन थे- वायरस के संपर्क में आने के बाद ऐसे लोगों को सर्दी होने की आशंका उतनी ही कम थी।
भावनाएं रहतीं हैं सकारात्मक
शोधकर्ताओं ने अपने तीन दशक के अध्ययन के बाद इस बात के प्रमाण पाए हैं कि अधिक प्रकार के कनेक्शन वाले लोगों में भी बेहतर स्वास्थ्य व्यवहार (जैसे धूम्रपान, जुआ, शराब नहीं पीना) और अधिक सकारात्मक भावनाएं होती हैं। शोधकर्ता अब यह पता लगा रहे हैं कि क्या केवल यह मानने भर से कि आपके पास मजबूत सामाजिक समर्थन है, तनाव के नुकसान से बचाने में बचाव कर सकता है।
इम्यून सिस्टम होता है दुरुस्त
शोधकर्ताओं का कहना है कि, दूसरों के साथ दीर्घकालिक संघर्ष एक शक्तिशाली तनाव है जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है लेकिन, हमने पाया है कि इसके प्रभाव कथित सामाजिक समर्थन से प्रभावित होते हैं। जिन लोगों के संघर्ष के उच्च स्तर और सामाजिक समर्थन के निम्न स्तर हैं, वे तनाव से बचे रहते हैं उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है और कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक बीमारियों की चपेट में ज्यादा आने से भी वह बचे रहते हैं। इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि सामाजिक संबंधों से अधिक जुड़े लोग एक-दूसरे के प्रति बहुत मिलनसार भी होते हैं।
रहते हैं खुश-खुश
एक-दूसरे को गले लगाते हैं, आलिंगन करते हैं इससे भी उनमें खुशी का हार्मोन स्त्रावित होता है और तनाव होने की आशंका भी कम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने बार-बार गले लगने की सूचना दी, उनमें किसी भी प्रकार के वायरस के संपर्क में आने के बाद संक्रमण होने की संभावना बहुत ज्यादा कम थी।
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